नयी दिल्ली, 6 अक्तूबर (एजेंसी)
दिल्ली पुलिस ने समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि ‘भारत की संप्रभुता में हस्तक्षेप करने’ और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से चीन से बड़ी मात्रा में धन आया। जानबूझकर ‘पेड न्यूज’ का प्रसार किया गया, जिसमें घरेलू नीतियों, भारत की विकास परियोजनाओं की निंदा की गई और चीन सरकार की परियोजनाओं, रक्षा नीतियों एवं कार्यक्रमों की प्रशंसा की गई थी। इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए एक समूह- पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस), उसके संयोजक बत्तीनी राव, इतिहासकार दिलीप शिमोन, सामाजिक कार्यकर्ता दीपक ढोलकिया, दिल्ली स्थित गैर सरकारी संगठन अमन ट्रस्ट के निदेशक जमाल किदवई और पत्रकार किरण शाहीन सहित अन्य के साथ साजिश रची।
आतंकवाद रोधी कानून ‘गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम’ (यूएपीए) के तहत दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि यह विदेशी धन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के एक सक्रिय सदस्य नेविली रॉय सिंघम द्वारा धोखाधड़ी से भेजा गया। अदालत के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को ‘न्यूजक्लिक’ को प्राथमिकी की एक प्रति दी।
मोबाइल फोन कंपनियाें पर भी आरोप
प्राथमिकी में कहा गया, ‘शाओमी, वीवो जैसी चीनी दूरसंचार कंपनियों ने इस साजिश को आगे बढ़ाने के लिए भारत में अवैध रूप से विदेशी धन लाने के लिए पीएमएलए (धन-शोधन निवारण अधिनियम), फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) का उल्लंघन करते हुए भारत में हजारों छद्म कंपनियों को शामिल किया।’ प्राथमिकी में दावा किया गया कि विदेशी धन कार्यकर्ता गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड, उनके पति और कार्यकर्ता जावेद आनंद के सहयोगियों, पत्रकारों उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजॉय गुहा ठाकुरता और अभिसार शर्मा समेत अन्य को कथित तौर पर वितरित किया गया था।
गिरफ्तारी के खिलाफ याचिकाओं पर जवाब तलब
दिल्ली हाईकोर्ट ने आतंकवाद निरोधक कानून ‘गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम’ (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन (एचआर) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को पुलिस को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने याचिका लंबित रहने तक उनकी अंतरिम रिहाई संबंधी अर्जियों पर भी दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा। अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 9 अक्तूबर को सूचीबद्ध किया है।