मनीमाजरा (चंडीगढ़) (हप्र)
दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों में शुमार इमटेक के पूर्व प्रमुख साइंटिस्ट डॉ. स्वर्णजीत सिंह ने घग्गर बचाओ अभियान छेड़ा है। जगह-जगह से नदी में मिल रहे कचरे और केमिकल से दूषित हुए नदी जल को बचाने के लिये उन्होंने पंचकूला के लोगों से संपर्क किया और इस मसले पर समर्थन मांगा। स्थानीय लोगों ने इस मुहिम में उनके साथ जुड़ने की इच्छा जतायी। माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसायटी इंडिया चंडीगढ़ ट्राइसिटी, नागालैंड, मणिपुर और लद्दाख के अध्यक्ष डॉ. स्वर्णजीत सिंह पिछले 6 वर्षों से एसएएस पॉलीक्लिनिक में धर्मार्थ कार्य कर रहे हैं। डॉ. स्वर्णजीत सिंह कई सोसायटी और एसोसिएशन के फेलो हैं। उन्हें लाइफ सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी रांची से और शूलिनी यूनिवर्सिटी सोलन में उनके काम के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन में भी काम कर चुके डॉ. सिंह एक पर्यावरणविद् हैं और उन्हें लोयोला पर्यावरण पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। अब वे पंचकूला में ‘सेव रिवर घग्गर’ मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। घग्गर में फैक्टरियों और केमिकल उद्योगों से आने वाले रसायनों व जहरीले कचरे को रोकने और साथ ही आस्था के नाम पर पॉलिथीन के लिफाफे में चढ़ावे का सामान फेंके जाने से बचाने का मिशन शुरू किया है। डॉ. स्वर्णजीत ने साइट पर जाकर घग्गर बचाओ अभियान के तहत एक मानव श्रृंखला बनाई। उन्होंने कहा कि वे अगली बार नदी में पेंट और रसायनों से युक्त पानी के सैंपल भरेंगे और उनका विश्लेषण करेंगे। डॉ. स्वर्णजीत अपने इस सपने को पूरा करने के लिए सरकार से आर्थिक मदद भी मांगी है।