मोहाली, 3 नवंबर (हप्र)
पंजाब सरकार की ओर से दिहाड़ी 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने की नोटीफिकेशन रद्द करवाने को लेकर शुक्रवार को अलग-अलग जत्थेबंदियों से जुड़े मजदूरों, मुलाजिमों, ठेका भर्ती, आउटसोर्स वर्करों ने श्रम भवन के आगे धरना दिया। इस प्रदर्शन में हिंद मजूदर सभा पंजाब, एटक पंजाब, सीटीयू पंजाब, इंटक पंजाब और प्रमुख मजूदर जत्थेबंदियां शामिल हुईं। प्रदर्शनकारी जहां दिहाड़ी 4 घंटे बढ़ाने का विरोध कर रहे थे वहीं उनकी मांग थी कि मजदूरों से उनका हक छीनने वाली नीतियों को रद्द किया जाए। उनकी मांग थी कि उनकी मजदूरी कम से कम 26 हजार रुपये महीना होनी चाहिए। इस मौके पर मंगत राम पासला व बंत सिंह बराड़ ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से बड़े कारोबारियों के साथ मिलकर पंजाब के श्रम मजदूरों, भट्ठा मजदूरों व मुलाजिमों पर नादरशाही फैसला लागू कर दिया गया है कि दिहाड़ी का समय 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे होगा।
नेताओं ने कहा कि वर्ष 2012 के बाद उनके वेतन में बढोतरी नहीं हुई और बार-बार मीटिंग व निवेदन पत्रों का सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा। उनकी मांग है कि मजदूरों की कम से कम वेतन पर फौरी तौर पर बढोतरी की जाए। गैर हुनरमंद मजदूरों का कम से कम वेतन 26 हजार रुपये महीना निश्चित किया जाए और इसी अनुपात के साथ इसके ऊपर की कैटेगिरी में काम करते मजदूरों का वेतन भी बढ़ाया जाए। नेताओं ने मांग की है कि भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों की कम से कम तनख्वाह श्रम कमिश्नर पंजाब की ओर से बनाई गई कमेटी की सिफािरशें अनुसार तय की जाए। भट्ठा कर्मचारी में बेमौसमी बारिशों के कारण हुए नुकसान को कुदरती आफत माना जाए। इसके साथ ही आंगनवाड़ी वर्कराें, हैल्परों, आशा वर्करों व मिड डे मील वर्करों को वर्कर का दर्जा देकर कम से कम वेतन के घेरे में लाया जाए और सभी विभागों की खाली पोस्टों को जल्द भरा जाए।