रेवाड़ी, 3 नवंबर (हप्र)
एम्स संघर्ष समिति द्वारा कस्बा कुंड स्थित उप तहसील परिसर में गांव माजरा में एम्स निर्माण की मांग को लेकर समिति के प्रधान श्योताज सिंह की अध्यक्षता में आज भी धरना जारी रहा। धरने का संचालन कार्यकारी अध्यक्ष कैलाशचंद ने किया।
समिति के प्रवक्ता राजेंद्र सिंह एडवोकेट, ओमप्रकाश सैन, अमर सिंह राजपुरा, भूप सिंह आर्य, मूलचंद आर्य ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने एक सोची समझी साजिश के तहत माजरा एम्स निर्माण का टेंडर को रद्द कर दिया है। इसका कारण क्या है, इसका कोई उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा कि एक लाइन के आदेश ने इलाके की जनता को हिलाकर रख दिया है। इससे जनता का गुस्सा सातवें आसमान में चढ़ कर बोल रहा है। उनका मानना है कि टेंडर रद्द करने में कोई प्रशासनिक कारण नहीं है, बल्कि राजनीतिक चुनावी कारण है। सरकार 2019 के चुनाव में एम्स के नाम से एक पारी पहले ही खेल चुकी है, अब दूसरी पारी खेलनी की तैयारी के क्रम में यह साजिश रची गई है। धरने को बीडी यादव, देशराज, भूपसिंह आर्य, यादराम, अमर सिंह, इंद्रपाल, डा. एचडी यादव, दिलबाग, रामनिवास, ओम प्रकाश, वेदप्रकाश, जयदयाल, सांवल सिंह, कृष्ण कुमार, गिंदौड़ी, कमला, भतेरी देवी मौजूद थे।
दिसंबर में पंचायत कर लेंगे बड़ा फैसला
समिति के सचिव ओमप्रकाश सैन, कर्नल राजेंद्र सिंह, यशदेव नैष्टिक ने बताया कि समिति ने फैसला लिया है कि आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा। 6 नवंबर को महिला पंचायत धरना स्थल पर आयोजित की जाएगी और 26 नवंबर को एक बाइक रैली का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एम्स निर्माण टेंडर को पुन: जारी किया जाए, अन्यथा 10 दिसंबर को एक बड़ी पंचायत का आयोजन कर निर्णायक संघर्ष का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने उन लोगों से भी आग्रह किया है कि जो नेताओ पर भरोसा करके चल रहे थे कि एम्स का निर्माण नवंबर में चालू हो जाएगा, अभी आंदोलन की जरूरत नहीं है। उन्होंने निर्माण टेंडर रद्द होने पर जन प्रतिनिधियों से अपना वक्तव्य जारी करने की मांग की।