उत्तरकाशी, 21 नवंबर (एजेंसी)
पिछले नौ दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों तक छह इंच की पाइपलाइन के जरिए खिचड़ी भेजने के कुछ घंटों बाद बचावकर्मियों ने मंगलवार तड़के उन तक एक कैमरा (एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा) भेजा और उनके सकुशल होने का पहला वीडियो जारी किया। जारी वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजे गए भोजन को प्राप्त करते और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह इन श्रमिकों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है।
इस बीच, मलबे को आर-पार भेदकर डाली गयी छह इंच व्यास वाली पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक खिचड़ी भेजी गयी। खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर श्रमिकों तक पहुंचाया गया। बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि इस पाइपलाइन से दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले भेजे जा सकते हैं। बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि संचार स्थापित करने के लिए पाइप लाइन में एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए हैं। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए कई दिशाओं से किए जा रहे प्रयासों के तहत भारतीय वायुसेना ने एक सी-17 और दो सी-130जे सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान से 36 टन वजनी मशीनें पहुंचा दी हैं। इस बीच, अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए बड़े व्यास के माइल्ड स्टील पाइप डालकर ‘एस्केप पैसेज’ बनाने का काम तीन दिन बाद फिर शुरू हो गया।
मोदी ने की धामी से बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पुन: फोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि सभी श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बारह नवंबर को दिवाली वाले दिन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसमें श्रमिकों के फंसने के बाद से प्रधानमंत्री ने चौथी बार मुख्यमंत्री से बात की है।
पांच मोर्चों पर एक साथ प्रयास
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि मजदूरों को बचाने के लिए पांच मोर्चों पर एक साथ प्रयास किये जा रहे हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में ‘क्षैतिज ‘ड्रिल’ करना दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।’ हसनैन ने कहा कि एनडीआरएफ के दल बचाव अभियान के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिए स्थल पर अभ्यास कर रहे हैं।