गुरुग्राम, 21 नवंबर (हप्र)
यूएसए मूल के लोगों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने मौके से 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जा से 9 कंप्यूटर, 2 लैपटॉप, एक मोबाइल फोन व 1 मॉडम बरामद किए गए।
पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन ने मंगलवार को बताया कि आरोपियों से और भी पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार 20/21 नवंबर की रात को निरीक्षक जसवीर प्रबंधक थाना साइबर को सूचना मिली कि डीएलएफ फेज-3 के एक मकान में फर्जी तरीके से कॉल सेंटर चलाकर यूएसए मूल के नागरिकों को कस्टमर सर्विस देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी की जाती है। इस सूचना पर सहायक पुलिस आयुक्त साईबर अपराध विपिन अहलावत के निर्देश पर छापामारी की। मौके से कॉल सेंटर के मालिक/संचालक सहित कुल 12 आरोपियों को काबू किया गया। जिनकी पहचान अनंत राज वर्मा (संचालक) निवासी राजाजी पुरम, (उत्तरप्रदेश), रजत मिश्रा निवासी उत्तरप्रदेश हाल पता गांव नाथूपुर गुरुग्राम, संकल्प (मैनेजर) निवासी उत्तर-प्रदेश हाल पता गांव नाथूपुर गुरुग्राम, मयंक निवासी जिला नूंह, विशाल निवासी मध्यप्रदेश हाल पता पालम विहार (गुरुग्राम), रवि शंकर निवासी मारुति कुंज भोंडसी (गुरुग्राम), शिवम निवासी मध्य-प्रदेश हाल पता डीएलएफ फेज -3 (गुरुग्राम), पुष्पेंद्र चौहान निवासी जिला नूंह, विकास प्रकाश निवासी केरल हाल पता महावीर कैंपस छतरपुर (दक्षिण दिल्ली), विवेक सिंह निवासी उत्तर प्रदेश हाल पता गांव नाथूपर गुरुग्राम, पुष्पेंद्र सिंह निवासी गांव नाथूपर गुरुग्राम व अजय सिंह निवासी लुधियाना (पंजाब) हाल पता डीएलएफ फेज-3 गुरुग्राम के रुप में हुई। आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में थाना साईबर अपराध पूर्व में केस दर्ज किया गया है।
कॉल सेंटर के मालिक/संचालक से पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि यह वर्ष- 2021 से अपने साथी आरोपियों के साथ मिलकर यह काम कर रहा है। उसने यूएसए के नागरिकों को ऐप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, पेपल आदि की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान देने के लिए वर्चुअल टीएफएन नंबर लिए हुए हैं। इसी के माध्यम से वे ठगी करते थे।
सैलरी और कमीशन पर थे कर्मचारी
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी अनंत राज वर्मा कॉल सेंटर का संचालक है। संकल्प व रजत मिश्रा इसके कॉल सेंटर के मैनेजर हैं। वे अपने उपरोक्त साथियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर इस कॉल सेंटर को चलाता है। उसने सभी को कस्टमर सर्विस के लिए सैलरी/कमीशन पर रखा हुआ है। आरोपी रजत और संकल्प को ठगी की राशि मे से कमीशन के तौर पर 15 प्रतिशत व बाकी सभी आरोपियों को 10 प्रतिशत कमीशन के तौर पर पैसे मिलते थे।