मनीमाजरा (चंडीगढ़), 21 नवंबर (हप्र)
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एचएस लक्की ने सांसद किरण खेर पर मंगलवार को राजनीतिक प्रहार करते हुए कहा कि सांसद 10 साल नींद में थीं और अब ईवी पॉलिसी का विरोध जता जनता से सहानुभूति ले रही हैं। लक्की ने कहा कि सांसद को काफी समय के बाद सार्वजनिक चिंता के मुद्दे पर बोलते हुए देखना एक सुखद आश्चर्य था। लक्की ने स्थानीय सांसद और भाजपा से 11 सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा लड्डू बंटवाने और उसका श्रेय लेने के बावजूद कॉलोनियों में लोगों को मालिकाना हक क्यों नहीं मिला। गांवों में हजारों लोग लाल डोरा के बाहर हैं और अपने वादे के बावजूद भाजपा और सांसद लाल डोरा का विस्तार कराने या लाल डोरा के बाहर निर्माण को नियमित कराने में विफल रहे हैं। लैंड पूलिंग करने के आश्वासन के बावजूद योजना लागू नहीं की गयी है। हाल ही में एयरपोर्ट तक नया रास्ता पहुंचाने के लिए विभिन्न गांवों की जमीन बहुत कम कीमत पर अधिग्रहीत की जा रही है। बार-बार वादा करने के बावजूद औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक सुगम फ्रीहोल्ड नीति अभी भी लागू नहीं हुई है। बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन नहीं किया गया और व्यापारियों को नोटिस मिल रहे हैं।
मेट्रो या परिवहन की बेहतर एकीकृत प्रणाली का वादा किया गया था लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ है। लगातार बढ़ते यातायात के कारण सड़कें और अधिक संकुचित होती जा रही हैं। वाहनों की पार्किंग की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और सांसद या सत्ताधारी दल की ओर से इसका कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। लक्की ने कहा कि किरण खेर ने बड़े जोर-शोर से चंडीगढ़ में भर्ती के लिए उम्र बढ़ाने की घोषणा की। लेकिन नौकरियां कहां हैं। पिछले कुछ वर्षों में चंडीगढ़ की रैंकिंग गिरी है और चंडीगढ़ में कोई नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है। हाउसिंग बोर्ड के फ्लैटों में रहने वाले लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और नोटिस मिल रहे हैं। भाजपा ने 10 साल पहले किए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए और आम चुनाव में अब सिर्फ 4 महीने बचे हैं। लक्की ने स्थानीय सांसद से पूछा कि वे स्पष्ट करें कि ये वादे अधूरे क्यों रह गए।
ईवी नीति का विरोध महज दिखावा: राजीव शर्मा
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने भी प्रशासन की इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) नीति के कारण चंडीगढ़ के लोगों को हो रही लगातार परेशानी के लिए सांसद किरण खेर की आलोचना की है। ईवी नीति के विरोध में दिए गए सांसद के बयान को संसदीय चुनावों के मद्देनजर लोगों को गुमराह करने व महज एक दिखावा करार देते हुए कहा कि खेर को यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रशासन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में काम करता है, इसलिए प्रशासन द्वारा लिया गया कोई भी नीतिगत निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बिना नहीं पारित किया जा सकता है। कहा कि जब लोग ईवी नीति का पुरजोर विरोध कर रहे थे तब स्थानीय सांसद कहीं नजर नहीं आ रहीं थीं।