कुरुक्षेत्र, 23 नवंबर (हप्र)
बीएएमएस के नव आगंतुक चिकित्सकों के लिए श्रीकृष्ण आयुष विवि द्वारा चलाए गए दीक्षारम्भ कार्यक्रम का शुभारंभ बृहस्पतिवार को एनसीआईएसएम के चेयरमैन वैद्य राकेश शर्मा द्वारा भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनिल शर्मा द्वारा गणमान्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत किया गया और विद्यार्थियों को आयुष विवि के इतिहास और कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया। वैद्य राकेश शर्मा ने भावी चिकित्सकों को सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति विश्व की प्राचीनतम और उत्कृष्ट पद्धति है। आयुर्वेद तन, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य में सुधार करता है। कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि गीता मनुष्य के जीवन का वास्तविक दर्शन है जो व्यक्ति को जीवन जीने की कला और कर्म के सिद्धांत को बताती है। इस मौके पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. दीप्ति पराशर और कार्यक्रम समिति सदस्य डॉ. कृष्ण व डॉ. मनीषा खत्री भी उपस्थित रही।