वर्ष 2017 से शुरू हुआ मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल (एमएलएफ) अपने शबाब पर है। हर सर्दियों में चंडीगढ़ में यह एक उत्सुकता से प्रतीक्षित कार्यक्रम होता है। ट्रिब्यून इसकी स्थापना के समय से ही एमएलएफ का मीडिया पार्टनर रहा है और इसकी निरंतर सफलता के लिए प्रतिबद्ध है।
विभिन्न राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उभरती समस्याओं से कैसे निपटा जाए, इस पर चर्चा अब नयी दिल्ली में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के कान्फ्रेंस कक्षों तक ही सीमित नहीं रह सकती है। यह आवश्यक है कि हमारे देश के प्रत्येक नागरिक को आंतरिक और बाह्य रूप से हमारे देश के सामने आने वाले गंभीर खतरों के बारे में पर्याप्त रूप से जागरूक किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि मजबूत राष्ट्रीय उत्साह का वातावरण तैयार करने के लिए हर आवश्यक प्रेरक पहल की जाए। हमारे सभी लोग देश की एकता और अखंडता की रक्षा में शामिल हों।
इस संदर्भ में एमएलएफ राष्ट्रीय मुद्दों पर जागरूकता फैलाने और बाहरी हमलों की प्रकृति एवं उनसे बचाव के लिए आवश्यक तैयारियों पर विचार-विमर्श करने के लिए विभिन्न हस्तियों, पत्रकारों, सुरक्षा विश्लेषकों/ विशेषज्ञों और अन्य लोगों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करने में मूल्यवान भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही यदि ऐसे हमलों से न बच पाने की स्थिति पैदा हो तो भावी युद्धों के भयावह परिणामों से मुकाबले एवं आक्रांताओं को हराने के बेहतरीन तौर-तरीकों को समझने में भी यह मंच महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
मैं 7वें मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल की अपार सफलता की कामना करता हूं।
एनएन वोहरा
अध्यक्ष, द ट्रिब्यून ट्रस्ट