मनीमाजरा (चंडीगढ़), 4 दिसंबर (हप्र)
अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन, पंजाब यूनिवर्सिटी ने समान अवसर सेल-विकलांग व्यक्तियों के सहयोग से सोमवार को विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। मानव संसाधन विकास केंद्र, पंजाब विश्वविद्यालय से प्रोफेसर जयंती दत्ता द्वारा विकलांगता संस्कृतियों को पुनर्जीवित करना विषय पर एक व्याख्यान शामिल था। इसके बाद एक इंटरेक्टिव सत्र हुआ जिसमें दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, विश्वविद्यालय बिजनेस स्कूल, फार्मेसी, रसायन विज्ञान और अनुसंधान सहित कई विश्वविद्यालय विभागों के कई संकाय सदस्य शामिल थे जिन्होंने वक्ता के साथ बातचीत की। प्रोफेसर दत्ता ने सिनेमा को सामाजिक जागरुकता बढ़ाने और विकलांगता से संबंधित मुद्दों पर सार्वजनिक धारणाओं को आकार देने का एक प्रमुख प्रभावशाली और शक्तिशाली माध्यम माना। लगभग पचास वर्षों में सैंतीस हिंदी फिल्मों का विश्लेषण करते हुए प्रोफेसर जयंती ने बॉलीवुड फिल्मों में विकलांगता को कैसे चित्रित किया गया है, इसका विश्लेषण प्रदान किया। प्रोफेसर दत्ता के बोलने से पहले, सीडीओई के निदेशक प्रोफेसर हर्ष गांधार ने अतिथि-वक्ता का स्वागत किया। समान अवसर-प्रकोष्ठ, पंजाब विश्वविद्यालय के समन्वयक और सह-समन्वयक, पदाधिकारी डॉ. रमेश कटारिया और डॉ. नीलिमा ढींगरा ने विचाराधीन मुद्दे पर अपने अनुभव और समझ साझा की।