जसमेर मलिक/ हप्र
जींद, 28 दिसंबर
10 साल पहले बने जींद के पशु पॉली क्लीनिक में अभी तक पशुओं की बीमारियों का पता लगाने के लिए एक्स-रे मशीन से लेकर अल्ट्रासाउंड मशीन और कई तरह के टेस्ट आदि की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इन सुविधाओं के अभाव में पशु पालकों को ज्यादा फायदा नहीं हो रहा। पशुपालकों को बीमार पशुओं का एक-रे और अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए हिसार या करनाल जाना पड़ता है। इसमें उनका काफी पैसा और समय बर्बाद होता है। कांग्रेस शासन में जींद में सफीदों रोड पर पशुपालन विभाग परिसर में लगभग तीन करोड़ रुपए की लागत से पशु पॉली क्लीनिक भवन का निर्माण हुआ था। पशु पॉली क्लीनिक किसी सिविल पशु अस्पताल से बड़ा होता है। इसमें पशुओं की बीमारी का पता लगाने के लिए एक-रे मशीन और रेडियोलॉजिस्ट से लेकर अल्ट्रासाउंड मशीन जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। जींद के पशुपालकों को अपने बीमार पशु का एक्सरे, अल्ट्रासाउंड या कई तरह के जरूरी टेस्ट करवाने के लिए करनाल या हिसार जाना पड़ता है। जींद से हिसार की दूरी 80 किलोमीटर से ज्यादा और करनाल की दूरी 90 किलोमीटर से ज्यादा है। इतनी दूर बीमार पशु को किसी वाहन में लोड कर बीमारी की जांच और उपचार के लिए ले जाना और वापस लाना आसान नहीं है। जींद जिला पशुधन के मामले में प्रदेश का सबसे समृद्ध जिला है और दुधारू पशुओं की संख्या के मामले में जींद प्रदेश के टॉप 3 जिलों में शुमार है। इस जिले में 7 लाख से ज्यादा दुधारू पशु हैं। विश्व प्रसिद्ध मुर्राह नस्ल की भैंस का जींद सबसे बड़ा केंद्र प्रदेश में है।
मुख्यालय को भेजी है डिमांड
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर नरेंद्र यादव का कहना है कि एक्स-रे मशीन और अल्ट्रासाउंड के लिए मुख्यालय को डिमांड कई बार भेजी जा चुकी है। इन दोनों मशीनों की सप्लाई मुख्यालय से होनी है। अब मुख्यालय जींद में पोर्टेबल या दूसरी कौन सी अल्ट्रासाउंड मशीन भेजता है, इसका फैसला मुख्यालय के स्तर पर होगा। रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए भी मुख्यालय को लिखा गया है।