रेवाड़ी, 1 जनवरी (हप्र)
वाहन चालकों के लिए बनाए नये कानूनों में 10 साल कैद की सजा के प्रावधान का बावल क्षेत्र के ट्रांसपोर्टर्स व वाहन मालिकों ने सोमवार को कड़ा विरोध किया और अपने वाहनों को सड़कों पर नहीं उतारा। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर देर शाम तक भारी वाहनों का आवागमन ठप रहा और सन्नाटा छाया रहा।
लक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक रूपचंद पनवाड़, संदीप साबन, युवराज सिवाच, मनजीत, ओमबीर, संजय कुमार, पवन कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने वाहन चालकों के लिए जो कानून बनाए हैं, उससे चालकों के परिवार बर्बादी की कगार पर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि दुर्घटना हो जाती है, की नहीं जाती। इसकी 10 वर्ष तक की सजा पूरे परिवार के लिए पीड़ादायक साबित हो सकती है। छोटे वाहन व दुपहिया चालक की गलती से दुर्घटना होती है तो भी बड़े वाहन चालक को दोषी ठहराया जाता है। सरकार को बनाए गए कानूनों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
निजी बस चालकोें ने दिया धरना
भिवानी (हप्र) : नये कानूनों के विरोध में सोमार को प्राइवेट बस चालकों ने हड़ताल रखी। भिवानी बस स्टैण्ड परिसर में निजी बस चालकों ने धरना दिया तथा इस कानून की वापसी की मांग की। निजी बस चालकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री से आह्वान करते है कि इस काले कानून को जल्द से जल्द वापिस ले, अन्यथा वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
चले जाएंगे। चालकों ने तर्क दिया कि वाहन से दुर्घटना होने पर आम लोग चालक को घेरकर पीटने की प्रवृत्ति आम है। ऐसे में घायल को अस्पताल पहुंचाना उनके लिए संभव नहीं है। ऐसे में 10 साल की सजा व पांच लाख तक का जुर्माने का प्रावधान गलत है। इस कानून को तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हे मात्र 10 से 15 हजार रूपये तनख्वा मिलती है, ऐसे में 5 लाख का जुर्माना भरना उनके लिए संभव नहीं है। वे सडक़ पर चलते हुए चिडिय़ा को मारना भी पसंद नहीं करते, लेकिन दुर्घटना किसी की भी गलती से हो सकती है। इसीलिए इस कड़े कानून के तहत ड्राईवरों को 10 साल तक की सजा व 5 लाख रूपये की जुर्माने का प्रावधान करना गलत है।