हरिद्वार, 6 जनवरी (ट्रिन्यू)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि लॉर्ड मैकाले को देश की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को खत्म करने और लोगों को मानसिक रूप से गुलाम बनाने के लिए भारत भेजा गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय मानस पर मैकाले की शिक्षा प्रणाली के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए ‘गुरुकुल’ का पुनरुद्धार आवश्यक है। हालांकि, रक्षा मंत्री ने सलाह दी कि शिक्षा के इन केंद्रों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के साथ ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ और ‘क्वांटम प्रौद्योगिकी’ जैसी उभरती प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाना चाहिए। सिंह ने हरिद्वार में पतंजलि गुरुकुलम के शिलान्यास समारोह में संतों और छात्रों की एक सभा में कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी दर्शनानंद ने भारत की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने और इसके गौरव को बहाल करने के लिए ‘गुरुकुल’ जैसी संस्थाओं की स्थापना की। केंद्रीय मंत्री ने स्वामी दर्शनानंद द्वारा पतंजलि गुरुकुलम के नाम से स्थापित संस्थान को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के लिए योग गुरु रामदेव की प्रशंसा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की साधारण शुरुआत से लेकर वर्तमान में उपलब्धियों के शिखर तक की यात्रा पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इससे पहले, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और राज्यसभा सदस्य और भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के साथ, सिंह ने ज्वालापुर महाविद्यालय मैदान में हवन में भाग लिया और पतंजलि गुरुकुलम की आधारशिला रखी।