कीर्तिशेखर
आजकल ज्योतिषियों के पास लोग, खासकर युवा, अपने अच्छे दिनों का भविष्य जानने ही नहीं बल्कि अच्छे कैरियर और अच्छी नौकरी का भविष्य जानने के लिए भी बड़े पैमाने पर आ रहे हैं। यह अकेले राजधानी दिल्ली का किस्सा नहीं है। देश में हर जगह बड़े पैमाने पर इन दिनों कैरियर और नौकरी की तलाश कर रहे नौजवान ज्योतिषविदों के पास जा रहे हैं और उनसे अपने बेहतर कैरियर के बारे में ज्योतिषीय सलाह या काउंसलिंग ले रहे हैं।
कुंडली में कारकों का विश्लेषण
अगर आप कैरियर काउंसलर की तरह सलाह देने का काम करने वाले ज्योतिषियों से पूछें कि आखिर उनकी सलाह किस तरह से मददगार है, तो वे गंभीरता से कहते हैं कि ज्योतिष में कैरियर की सफलता का अनुमान ठोस तरीके से लगाना संभव है। जन्म कुंडली में कई कारकों का विश्लेषण किया जाता है। इसमें दसवां घर कैरियर और पेशे का प्राथमिक घर माना जाता है। इसके अलावा दूसरा, छठवां और ग्यारहवां घर भी लोगों के कैरियर के सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी तरह कुंडली के दशम भाव को नौकरी और कैरियर से जोड़कर देखा जाता है। जबकि छठे भाव में यह पता चलता है कि जातक नौकरी करेगा या अपने कारोबार में सफल होगा।
झुकाव की दिशा में ही सार्थक प्रयास
इन ज्योतिषविदों के मुताबिक वे पारंपरिक काउंसलर नहीं हैं, वे सिर्फ किसी की कुंडली देखकर यह बताते हैं कि उनके लिए ज्यादा झुकाव वाले क्षेत्र कौन से होंगे यानी वे अपनी रोजमर्रा के जीवन जीने के ढंग में क्या फेरबदल करें कि वह अपनी कैरियर की तरफ सही रफ्तार और दिशा में आगे बढ़ सकें। इन काउंसलरों का मानना है कि भाग्य में जो कुछ लिखा होता है वह अटल नहीं होता। उसमें बहुत कुछ लगन और लगातार अटूट परिश्रम की भी भूमिका होती है। अगर कुंडली में कैरियर की स्थितियां कमजोर हैं तो भी आप प्रयास से इस स्थिति को पलट सकते हैं। खासकर कुंडली में जब दशम और छठे भाव के स्वामी अच्छी स्थिति में होकर योग बनाते हैं तो इनके लिए कैरियर में सफलता का प्रबल योग होता है। वह चाहे नौकरी करे या कारोबार।
मतलब सिर्फ नौकरी से नहीं
कहने का मतलब यह कि अगर किसी के भाग्य में या कुंडली में कैरियर का मजबूत योग है तो उसका मतलब सिर्फ नौकरी से नहीं है। बल्कि जीवनयापन की आप जो भी राह चुनेंगे, उसमें हर हाल में सफलता हासिल करेंगे। ये ज्योतिषविद यह भी कहते हैं कि वैदिक ज्योतिष में कुछ सामान्य मापदंड होते हैं, जिनका इस्तेमाल कैरियर से जुड़ी भावनाओं को टटोलने में किया जाता है। इनमें विषय से जुड़े भाव और सहायक भाव कई तरह के ग्रह/दशा/महादशा/अंतर्दशा व गोचर के सम्मिलित संयोग और साझे प्रभाव से संचालित होते हैं। मतलब यह कि किसी की कुंडली में अगर कैरियर का मजबूत योग है, लेकिन वह शख्स कैरियर बनाने के लिए जरूरी मेहनत व प्रयास नहीं करता, तो जरूरी नहीं उसका कैरियर बेहतर हो ही। संभावनाएं परिणाम में तब बदलती है, जब आप उस दिशा में काम करते हैं।
राशि और सहायक ग्रहों के संयोग का महत्व
कैरियर चुनने में जातक की राशि और सहायक ग्रहों के संयोग भी महत्वपूर्ण होते हैं। अगर दशम वर्ग कुंडली या मंडल क्षेत्र आपके लिए कुछ निश्चित कार्यक्षेत्रों को अनुकूल दर्शाता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप बिना ट्रेनिंग लिए या बिना भरपूर प्रैक्टिस या मेहनत के बिना के उन क्षेत्रों में सफल हो ही जाएंगे। कुंडली और आपकी ग्रह दशा एक इशाराभर करती है कि ये आपके लिए सहज क्षेत्र होगा। इन आधुनिक कैरियर सलाहकारों के मुताबिक, भले कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के जरिये कोई ज्योतिषविद आपके भविष्य को आनन-फानन में बता दे, लेकिन उसकी बतायी हुई बात को सौ फीसदी सही होना कभी न समझें। वह तब सही होगी, जब आप उसके सही होने के लिए जरूरी मेहनत करेंगे।
आधुनिक ज्योतिषविद कैरियर काउंसलरों के मुताबिक, इससे यह भी तय होता है कि अगर आपकी किस्मत या भाग्य में कोई चीज नहीं भी है, उसे भी आप अपनी मेहनत, लगन से हासिल कर सकते हैं। बहरहाल 2024 को कैरियर के लिहाज से मेष राशि के लोगों के लिए बेहतर माना गया है। इस राशि के लोग नये साल में अपनी प्रोडक्टविटी बढ़ाने के लिए अगर कोई अतिरिक्त स्किल सीखते हैं तो यह उनके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन कर सकती है।। -इ.रि.सें.