कैथल, 10 जनवरी (हप्र)
मिट्टी का काम करने वाले ठेकेदारों और मजदूरों ने खेत से मिट्टी ढुलाई करने के काम को माइनिंग विभाग व जियोलॉजी विभाग से बाहर करने की मांग को लेकर लघु सचिवालय में जमकर बवाल काटा। उन्होंने बुधवार को शहर की सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन किया। सुबह सभी अपनी मांगों को लेकर हनुमान वाटिका में एकत्रित हुए और इसके बाद नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय में पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व जिले सिंह प्रजापत ने किया।
ऑल हरियाणा अर्थ मूवर्स एसोसिएशन हरियाणा बैनर तले किए गए प्रदर्शन के बाद अपनी मांगों का ज्ञापन डीसी प्रशांत पवार को दिया। इस दौरान जिले सिंह प्रजापति ने कहा कि जब से मिट्टी के कार्य को माइनिंग विभाग के अंतर्गत लाया गया है। उसके बाद जिन किसानों के खेत ऊंचे-नीचे हैं। उन्हें विभाग के नियमों के अंतर्गत अपने खेतों को समतल करने के लिये भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। संजीव शर्मा कुराड़ व रामफल ने कहा कि जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर ट्राली से जो लोग मिट्टी का कार्य कर रहे हैं, सरकार ने उनका रोजगार छीनने के लिए एनजीटी के नियमों में बदलाव किया है, जिसमे मिट्टी का कार्य करने के लिए अब उन्हें माइनिंग विभाग से एनओसी लेनी अनिवार्य कर दी है। विभाग के द्वारा निर्धारित नियमों का पालन न करने पर उनपर दो लाख रुपये से शुरू होकर पांच लाख रूपये, दस लाख रुपये व बीस लाख रुपये तक जुर्माना किया जाता है। इसको भरना उनके लिए असभंव है।
20 के बाद मिट्टी का काम बंद करने का ऐलान
ज्ञापन में कहा गया है कि 7 जनवरी को जींद में हुए ऑल हरियाणा अर्थ मूवर्स एसोसिएशन व किसानों ने फैसला लिया है कि अगर 20 जनवरी तक सरकार मिट्टी के काम करने को माइनिंग से बाहर नहीं करती तो यूनियन व किसान मिट्टी से संबंधित कार्यों को बिल्कुल रोक देंगे। गरीब किसान, मिट्टी के कार्य से जुड़े गरीब परिवार व जेसीबी ट्रैक्टर, हाईवा से मिट्टी ढुलाई करके अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले लोगों की दयनीय स्थिति को देखते हुए मिट्टी को माइनिंग विभाग से बाहर किया जाए। अगर जल्द ही उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह आगामी समय में मिट्टी का कार्य छोड़कर हड़ताल पर चले जाएंगे। प्रदर्शन में रामफल चहल कोटड़ा, संदीप पुंडरी, घनश्याम पाई, परमजीत ढांड, विक्रम सैनी, काला आदि ने भी भाग लिया।