कोलकाता/नयी दिल्ली, 14 जनवरी (एजेंसी)
भारत-बांग्लादेश की सीमा पर मादक पदार्थों और मवेशियों की तस्करी रोकने के लिए बीएसएफ अब नये ‘हथियार’ के साथ तस्करों का सामना करेगा। बीएसएफ ने सीमा पर 60 हजार से अधिक औषधीय पौधों और 40 ‘मधुमक्खी बॉक्स’ (मधुमक्खी पेटिका) की बाड़ लगाई है। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित तीन किलोमीटर लंबी बाड़युक्त सीमा के पास से सटे क्षेत्रों में यह दूसरी प्रतिरोधक पंक्ति तैयार की जाएगी। ‘बाड़ पर मधुमक्खी के छत्ते’ को पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार के ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के हिस्से के रूप में शुरू किया था। अधिकारियों के अनुसार, इसका उद्देश्य न केवल सीमा पार से संचालित अपराधों को रोकना है, बल्कि मधुमक्खी पालन और बागवानी के माध्यम से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन करना भी है। सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) की मदद से पिछले दो महीनों में धातु से बनी बाड़ के खंभों पर मधुमक्खी के 40 बक्से लगाए गए हैं। छत्तों की मधुमक्खियां सीमा पार के अपराधियों और तस्करों के लिए एक निवारक के रूप में काम करेंगी, जो मवेशियों, मादक पदार्थों, सोना, चांदी और अन्य वस्तुओं की तस्करी के लिए बाड़ को काटने या तोड़ने का दुस्साहस करते हैं।
आयुष विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फूल वाले पौधे मधुमक्खियों के परागण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाएंगे। अधिकारी ने कहा, ‘सीमा के पास के इस हिस्से को ‘आरोग्य पथ’ नाम दिया गया है और जगह-जगह ‘क्यूआर कोड’ चस्पा किये गए हैं, जिन्हें स्कैन करने पर पौधों के बारे में विवरण मिलेगा।’