चंडीगढ़, 18 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा में पानी की बढ़ती मांग और कम उपलब्धता के बीच बैलेंस बनाने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई विशेष कार्ययोजना के अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। सरकार ने द्विवार्षिक यानी 2023-2025 के लिए जल संसाधन कार्ययोजना तैयार की थी। इसके तहत दिसंबर-2023 तक 2 लाख 48 हजार 702 करोड़ लीटर पानी बचाने में सरकार कामयाब रही है। लक्ष्य 2 लाख 60 हजार करोड़ लीटर पानी बचाने का था। यानी 95 प्रतिशत तक कामयाबी हासिल को चुकी है।
इतना ही नहीं, अब 2025 तक सरकार ने करीब 7 लाख करोड़ लीटर पानी की बचत करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए माइक्रो इरिगेशन और भूजल रिचार्जिंग परियोजनाओं पर जोर रहेगा। सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को यहां हुई हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की बैठक में कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के एसीएस विनीत गर्ग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के एसीएस अरुण कुमार गुप्ता, प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा, सीएम के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गांवों में भू-जल स्तर सबसे अधिक नीचे चला गया है, उन गांवों में भू-जल रिचार्जिंग की योजनाएं सबसे पहले क्रियान्वित की जाएं। जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या हाल ही में शुरू हुई हैं, उन क्षेत्रों में इस समस्या को सबसे पहले दूर करें ताकि ऐसे क्षेत्रों को त्वरित ठीक किया जा सके। उन्होंने मार्च-2024 तक पानी की बचत करने के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। हरियाणा में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जलभराव की समस्या है। लेकिन वहां भू-जल स्तर काफी नीचे चला गया है। इसका प्रमुख कारण केमिकल युक्त उर्वरकों का अत्यधिक इस्तेमाल है। इसके कारण मिट्टी की परत मोटी होने के साथ-साथ क्ले का रूप ले चुकी है। इस कारण पानी भूमि में नहीं जा पा रहा है। इससे भू-जल स्तर में कोई सुधार नहीं हो रहा है। इसलिए इन इलाकों में भू-जल को कैसे रिचार्ज किया जा सके, इसके लिए वैज्ञानिक अध्ययन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन इलाकों में भू-जल स्तर 100 मीटर से नीचे चला गया है, ऐसे लगभग 200 गांवों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार की जाए। कृषि विभाग इन गांवों के किसानों को सूक्ष्म सिंचाई के लिए प्रेरित करेगा। जहां भू-जल स्तर 30 मीटर तक पहुंच चुका है, उन इलाकों में भी सिंचाई करने के लिए फीडर चिह्नित कर वहां शत-प्रतिशत नलकूपों को सौर ऊर्जा पर लाया जाएगा।
प्राधिकरण की थपथपाई पीठ
जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने बैठक में बताया कि प्राधिकरण ने उद्योग, खनन और बुनियादी ढांचे, वाणिज्यिक संस्थाओं को भूजल दोहन के लिए एनओसी देने के लिए इन-हाउस ऑनलाइन सॉफ्टवेयर विकसित किया है। अभी तक लगभग 3022 आवेदकों को वर्षा जल संचयन और गैर-पीने योग्य उपयोग के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग सुनिश्चित करके जल संरक्षण और भूजल रिचार्जिंग की सशर्त अनुमति दी है। इससे प्राधिकरण ने 142.80 करोड़ रुपये टैरिफ व आवेदन शुल्क के रूप में प्राप्त किए।
पीएम ने फिर की मनोहर सरकार की सराहना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा प्रदेशवासियों को सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए शुरू की गई पारदर्शी, निष्पक्ष एवं ई गवर्नेंस पहलों को आज एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की जनता को आईटी के माध्यम से दी जा रही सेवाओं के लिए प्रो एक्टिव सर्विस डिलीवरी व्यवस्था की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल माध्यम से देशभर के लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे। संवाद के दौरान जब प्रधानमंत्री ने हरियाणा के रोहतक जिले के अजायब गांव के लाभार्थी संदीप से बातचीत की और पूछा कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है या नहीं। इस पर संदीप ने बताया कि उन्हें व उनके गांवों के अन्य किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इसी प्रकार, प्रधानमंत्री ने जब राशन कार्ड के बारे में पूछा तो संदीप ने बताया कि उनका राशन कार्ड बना हुआ है और उन्हें नियमित रूप से समय पर राशन मिलता है। राशन मिलने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आईटी प्लेटफार्म के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं व सेवाओं को जमीनी स्तर तक सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे समर्पित प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कार्यशैली की सराहना की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सभी लाभार्थियों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से ही हम अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने और अंत्योदय के संकल्प को पूरा करने में भूमिका निभा रहे हैं।
हरियाणा में नये शैक्षणिक सत्र में होंगे शिक्षकों के तबादले
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू): हरियाणा में अध्यापकों के तबादले अब नए शिक्षा सत्र के दौरान ही किए जाएंगे। जिन जेबीटी अध्यापकों के तबादले किए जा चुके हैं, उन्हें भी नए सत्र में ही स्टेशन अलॉट किए जाएंगे। 31 मार्च तक जो अध्यापक जहां पर है, उसे वहीं पर पढ़ाना होगा। हरियाणा में शिक्षकों के तबादलों को लेकर लंबे समय से पेंच फंसा हुआ है। अब सरकार ने तबादलों को लेकर फैसला किया है कि नये सत्र के दौरान ही स्टेशन अलॉट किए जाएंगे। सरकार ने पिछले साल सितंबर माह में शिक्षकों के तबादलों का कार्यक्रम जारी किया था। जिसके तहत पहले जेबीटी के तबादले हुए। उस समय 2004 बैच के 324 अंतर जिला जेबीटी तबादले किए गए। इनमें से 297 को पहले पसंद, 24 को दूसरी तथा तीन जेबीटी को तीसरी पसंद के स्टेशन मिले। इसी तरह 2008 बैच में 173 जेबीटी अध्यापकों के तबादले किए गए। जिनमें से 143 को पहले, 24 को दूसरी तथा चार को तीसरी और दो को चौथी पसंद के स्टेशन मिले।