बात सितंबर सन् 1971 की है। ब्रूसली एक प्रसिद्ध टीवी शृंखला लॉन्गस्ट्रीट के ‘द वे ऑफ इंटरसेप्टिंग फिस्ट’ शीर्षक वाले एक एपिसोड में ली त्सुग के किरदार में थे। इस शो मे वह मार्शल आर्ट कुंग फू के लिए दार्शनिक सलाह देते हुए कहते हैं, ‘पानी के जैसा बनो मेरे दोस्त! जो दरारों से अपना रास्ता बनाता है। दृढ़ मत बनो, बल्कि परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाओ। यदि आपके भीतर कुछ भी कठोर नहीं रहेगा, तो बाहरी चीजें स्वयं प्रकट हो जाएंगी। अपने मन को खाली करो, आकारहीन पानी की तरह। स्थितियों के अनुकूल ढलने, बढ़ने और बदलने में सक्षम होना चाहिए। यदि आप एक प्याले में पानी डालते हैं तो वह प्याला बन जाता है। आप एक बोतल में पानी डालते हैं तो वह बोतल का आकार ले लेता है। पानी के लचीलेपन को अपनाओ और अनुकूलनीय बनो।’ ली के ये वाक्य आम जीवन में भी प्रेरणा स्रोत हैं।
प्रस्तुति : डॉ. मधुसूदन शर्मा