दलेर सिंह/हप्र
जींद (जुलाना), 23 जनवरी
यदि आप बीमार हैं और अपना इलाज करवाने के लिए जींद के नागरिक अस्पताल में आये हैं अथवा अपने किसी परिचित के साथ अस्पताल में किसी काम से आये हैं तो जरा सावधान रहें। नागरिक अस्पताल में बंदरों ने अपना बसेरा बनाया हुआ है। अस्पताल के पार्कों, भवनों, पार्किंग समेत अन्य स्थानों पर बंदरों के झुंड हर समय भ्रमण करते रहते हैं। ये बंदर किसी भी समय हमला कर आपको दंत इंजेक्शन लगा सकते हैं। इसके बाद आपको अलग से बंदर काटे का इलाज भी करनवाना पड़ सकता है। इतना ही नहीं कई बार तो बंदर अस्पताल में दाखिल मरीज के बिस्तर तक पहुंचकर उस पर हमला कर देते हैं। कई बार ये बंदर कमरों में घुसकर कंप्यूटर सहित अस्पताल के रिकार्ड को भी खंगालने लग जाते हैं।
ऐसी घटनाएं नागरिक अस्पताल में पिछले तीन वर्षों में अनेकों बार हो चुकी हैं। ये सभी बातें स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ हरियाणा द्वारा बंदरों की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए उपायुक्त समेत अन्य आलाधिकारियों को भेजे गये पत्रों में लिखी गई हैं। स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राममेहर वर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 27 दिसंबर, 2020 से 21 दिसंबर, 2023 तक उपायुक्त जींद, उपमंडल अधिकारी (नागरिक) जींद, नगर आयुक्त जींद, सिविल सर्जन जींद, प्रधान चिकित्सा अधिकारी नागरिक अस्पताल जींद व कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद जींद को 22 स्मरण पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक भी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।
निश्चित रूप से नागरिक अस्पताल परिसर में बंदरों की भरमार है। ये बंदर कई बार मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों को भी चोटिल कर चुके हैं। लेकिन बंदरों को पकड़वाने को लेकर नागरिक अस्पताल के पास न तो किसी तरह का बजट होता और न ही संसाधन। अस्पताल प्रशासन की ओर से भी संबंधित विभाग को पत्र लिखकर समस्या के समाधान के लिए कहा गया है।
-डा. राजेश भोला, डिप्टी एमएस नागरिक अस्पताल, जींद