एस.अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 27 जनवरी
चंडीगढ़ के पूर्व सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का शनिवार को निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। हरमोहन पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। शनिवार शाम तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मैक्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
हरमोहन धवन का जन्म 14 जुलाई, 1940 को फतेहजंग, जिला कैम्बलपुर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। भारत विभाजन के बाद उनका परिवार अम्बाला छावनी में आ गया। वर्ष 1977 में वह पूर्व पीएम चंद्रशेखर के मार्गदर्शन में राजनीति में आए। वर्ष 1981 में वह चंडीगढ़ जनता पार्टी के अध्यक्ष बने। दलितों के कल्याण के लिए उन्होंने अनेक काम किए और कई बार जेल भी गए। वर्ष 1989 में वह चंडीगढ़ से सांसद चुने गए और चंद्र शेखर सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री बने। उन्होंने वर्ष 2019 में आम आदमी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा।
चंडीगढ़ में उन्हें राजनीति का भीष्म पितामह माना जाता है। शनिवार को उनके निधन की खबर फैलते ही उनके चाहने वाले उनके निवास सेक्टर नौ में एकत्रित होने शुरू हो गए। सभी ने अपूरणीय क्षति बताया। वह अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी छोड़ गए हैं। हरमोहन के निधन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन, कांग्रेस के प्रदेशध्यक्ष एचएस लक्की, आप नेता प्रेम गर्ग, पूर्व मेयर सुभाष चावला, पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा, आप के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष चितरंजन चंचल, पूर्व डिप्टी मेयर अनिल दूबे सहित अनेक लोगों ने शोक प्रकट किया है।
मेहमाननवाजी के कायल हैं लोग
हरमोहन धवन की मेहमाननवाजी के शहरवासी कायल हैं। लोग बताते हैं गर्मी में वह जहां खुद जलजीरा बनाकर पिलाते थे, वहीं सर्दी में चाय पिलाये बिना किसी को जाने नहीं देते।