इकबाल सिंह शांत/निस
डबवाली, 29 जनवरी
गुरुनानक कॉलेज मंडी किलियांवाली (डबवाली) में बतौर कॉमर्स प्रोफेसर लंबे समय तक सेवाएं देने वाले प्रो. कैलाश भसीन के 82वें जन्मदिन पर उनकी विमोचित पुस्तक ‘समर्पण को अर्पण’ को लेकर डबवाली वासियों में काफी उत्साह है। पुस्तक में विभाजन की टीस के अलावा कई अहम बातों का जिक्र है। पुस्तक सात खंडों में विभाजित है। बता दें कि गत दिवस उक्त पुस्तक का विमोचन श्रीगंगानगर में भव्य समारोह में हुआ, जिसमें डबवाली व जिला सिरसा से काफी संख्या में गणमान्य लोग शामिल हुए। प्रो. कैलाश भसीन का नाम डबवाली क्षेत्र में 1971 से 2003 के दशक तक सरगर्म प्रतिष्ठित हस्तियों में प्रमुखता से शुमार है। मौजूदा समय में वह राजस्थान के गंगानगर शहर के बाशिंदे हैं व आरएसएस संगठन में वरिष्ठतम कार्यकर्ता के तौर पर सरगर्म हैं।
प्रो. भसीन ने पुस्तक के वजूद में आने का श्रेय उनकी बेटियों को देते हुए कहा कि कभी कल्पना नहीं की थी कि वह अपनी जीवन यात्रा को कभी पुस्तक का रूप दे पाएंगे। जब उनकी बेटी चारू को यह बात पता चली तो उसने इसकी शुरुआत कर दी, जिससे उनकी जीवन यात्रा को पुस्तक ‘समर्पण को अर्पण’ का रूप हासिल हुआ।
डबवाली वासी वरिष्ठ भाजपा नेता देव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रो. कैलाश भसीन का जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है। शर्मा ने कहा कि जल्द ही डबवाली सहित हरियाणा की लगभग सभी लाइब्रेरियों में उक्त पुस्तक मुहैया होगी, जिसमें भसीन द्वारा डबवाली से जुड़ी यादों व घटनाओं का ज़िक्र भी है।
तीन पीढ़ियों की पुस्तकें एक साथ विमोचित
प्रो. भसीन परिवार की तीन पीढ़ियों द्वारा रचित पुस्तकों के एक साथ लोकार्पण से इतिहास कायम हो गया है। इसमें प्रो. कैलाश भसीन की पुस्तक समर्पण को अर्पण’ के अतिरिक्त उनकी पुत्री डॉ. चारू कालरा की पुस्तक ‘अन्तर्द्वंद्व’ व नातिन सुकृति कालरा की पुस्तक ‘ब्रोकन आई’ का विमोचन हुआ। सुकृति ने 7वीं कक्षा से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था।