शिमला, 30 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से एकत्र हुए दृष्टिहीनों ने आज शिमला में सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर चक्का जाम भी किया। ये दृष्टिहीन सरकारी नौकरियों में उनके लिए आरक्षित पदों के बैकलॉग को भरने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार लंबे समय से उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है और अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चक्का जाम कर रहे दृष्टि बाधितों के साथ पुलिस की धक्का-मुक्की भी हुई।
इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दृष्टि बाधित संघ की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम को लेकर कहा कि सरकार दृष्टिबाधित संघ की मांगों को लेकर हर तरह के कानूनी पहलुओं को देख रही है। उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधितों की ओर से पहले भी विरोध प्रदर्शन किए जाते रहे हैं। सुक्खू ने कहा कि दृष्टि बाधित संघ की ओर से बजट सत्र से पहले विरोध प्रदर्शन होते ही रहे हैं। सरकार इनकी मांगों को लेकर कानूनी पहलुओं को देखेगी और उसके बाद न्यायोचित निर्णय लेगी। मौसम विभाग की ओर से बुधवार से राज्य में भारी बारिश और बर्फबारी की संभावना को लेकर सरकार की तैयारियों पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार भारी बर्फबारी से निपटने के लिए तैयार है।
‘दृष्टिबाधितों के साथ ऐसा व्यवहार शर्मनाक’
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नौकरी की माँग को लेकर मुख्यमंत्री से मिले दृष्टिबाधित युवक के साथ सुक्खू द्वारा की गई कथित बदसलूकी पर कड़ा एतराज जताया है। नेता प्रतिपक्ष ने आज शिमला में कहा कि दृष्टि बाधित युवक द्वारा लगाए गये आरोप बहुत गंभीर हैं। एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की बात किया जाना शर्मनाक है। ग़ौरतलब है कि नौकरी की मांग कर रहे दिव्यांग युवा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले थे। उनसे मिलने वाले रोहड़ू निवासी लकी का आरोप है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने उनसे सवाल किया कि आप तो दृष्टिहीन हैं, आपको दिखाई नहीं देता है, आप क्या करेंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तरह की बात करना संवेदनहीनता है।