मनीमाजरा (चंडीगढ़), 30 जनवरी (हप्र)
आज मनीषी संत का जन्मदिवस भी है और धर्म संसद का आयोजन भी किया जा रहा है। एक कारज और दो काम रास वाली बात अच्छी लगी। चंडीगढ चातुर्मास के लिए जिस प्रकार मनीषी संत और अणुव्रत समिति इतनी लगन से लगी हुई है तो मुझे पूरा विश्वास है कि 2027 में आचार्यवर का चातुर्मास चंडीगढ़ में ही होगा। यह शब्द मंगलवार को पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने धर्म संसद और मनीषी संत के जन्मदिवस पर आयोजित विराट सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि जैन धर्म बहुत आगे है, क्योकि सादा जीवन, शुद्ध शाकाहारी, व्यसन मुक्त जीवन इत्यादि ये सब जैन धर्म की ही देन है। उन्होंने कहा कि आजकल जैन धर्म की युवा पीढ़ी भी गलत दिशा की ओर जा रही है इसे रोकना होगा। कार्यक्रम का आरंभ प्रज्ञा गीत से हुआ और कार्यक्रम का कुशल अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मनोज जैन ने किया। कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं काे विशेष रूप से सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने कहा मनीषी संत मुनिश्री विनयकुमार जीआलोक किसी पहचान के मोहताज नहीं हैँ । मनीषी संत के बारे में कुछ कहना मानों सूर्य को दिया दिखाने के सम्मान है। इस दौरान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व ट्राईसिटी के श्रावक-श्राविकाओं ने हिस्सा लेकर मनीषी संत के जन्मदिवस पर हार्दिक बधाईयां दीं।