चंडीगढ़, 15 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के आंदोलन को लेकर पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारों पर हमला बोला है। उनका कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसान संगठनों के दिल्ली कूच को लेकर पंजाब और दिल्ली सरकारों का खुला समर्थन है। कानून व्यवस्था तोड़कर किसी को दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। दिल्ली जाने के और भी कई तरीके हैं, लेकिन इस तरह से नहीं जाने दिया जा सकता।
हरियाणा सरकार राज्य में किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं देगी। मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों से भी अपील की है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने। अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने से किसी को रोका नहीं जा सकता। सीएम ने कहा, दो साल पहले हुए किसान आंदोलन से जिस तरह का माहौल पैदा हुआ था, उसे ध्यान में रखते हुए और पुराने अनुभव के हिसाब से ही सरकार ने पहले से ही प्रबंध किए हैं। किसानों की मांगों को लेकर सीएम ने कहा, उनकी मांग केंद्र सरकार से जुड़ी हैं।
केंद्र सरकार की ओर से बातचीत भी की जा रही है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा। हरियाणा के किसानों की आंदोलन में किसी तरह की भूमिका नहीं होने को लेकर सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसान सरकार की योजनाओं से खुश हैं। पंजाब के किसानों को चाहिए कि वे सरकार से हरियाणा की तर्ज पर 14 फसलों को एमएसपी पर खरीदने के लिए कहें। पंजाब सरकार को भी चाहिए कि वह किसानों की फसलों को खरीदे। पंजाब में केवल गेहूं, धान और गन्ना की ही एमएसपी पर खरीद होती है। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, अगर आप का हाथ नहीं होता तो पंजाब की सरकार को भी किसानों को अपने यहां रोकना चाहिए था। पंजाब पर पलटवार करते हुए मनोहर लाल ने कहा, हमारा एक साल का अनुभव रहा है। पंजाब सरकार एक साल किसानों को बार्डर पर बैठाकर रखे, फिर बताए कि उनका अनुभव कैसा रहा। बड़ी संख्या में उद्योगपतियों के बयान और वीडियो आ रहे हैं। पिछले आंदोलन के दौरान हजारों करोड़ का नुकसान हुआ था।
बुजुर्गों को संभालेगी सरकार, 6 शहरों में खुलेंगे सेवाश्रम
हरियाणा के उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह राहत की खबर है, जो ‘अपनों’ के ही सताए हुए हैं। ऐसे बुजुर्ग, जो अपने ही परिवार के लोगों के तानों से दुखी हैं और घर में नहीं रहना चाहते हैं। ऐसे बुजुर्गों के लिए सरकार ने ‘समर्थ वृद्धावस्था सेवाश्रम’ योजना शुरू की है। पहले चरण में इस योजना के तहत प्रदेश के छह शहरों में बुजुर्गों के लिए सेवाश्रम बनाए जाएंगे। 5200 से अधिक ऐसे बुजुर्ग हैं, जो परिवार के साथ नहीं रहना चाहते। ये वे बुजुर्ग हैं, जिनकी उम्र 75 साल से अधिक है। सरकार ने बुजुर्गों की केयर के लिए 2023-24 के बजट में भी ऐलान किया था। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को सीएम मनोहर लाल ने इस योजना का श्रीगणेश किया। जगाधरी, बहादुरगढ़, सिरसा, सोनीपत, हिसार व गुरुग्राम शहरों में सेवाश्रम स्थापित किए जाएंगे। सीएम ने स्पष्ट किया कि योजना के कामयाब होने के बाद अन्य शहरों में भी बुजुर्गों के लिए यह सुविधा होगी। सेवाश्रम में कम से कम 50 बुजुर्गों के ठहरने का प्रबंध होगा।
7500 युवा बनेंगे वन मित्र, `30 प्रति पौधा कर सकेंगे कमाई
चंडीगढ़, 15 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा में वनों का एरिया बढ़ाने और युवाओं की आर्थिक मदद के लिए मनोहर सरकार न ‘वन मित्र’ नाम से नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत हर साल 7500 युवाओं को ‘वन मित्र’ बनाया जाएगा। वन मित्र बनने वाले युवाओं से पौधरोपण करवाया जाएगा और अगले चार वर्षों तक पौधों की देखरेख का जिम्मा उन्हीं युवाओं के पास होगा। इसके बदले उन्हें एकमुश्त के अलावा अगले चार वर्षों तक आर्थिक मदद भी दी जाएगी।
सरकार को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि वन विभाग द्वारा हर वर्ष पौधरोपण करने के बाद भी राज्य में वन एरिया में बढ़ोतरी नहीं हो रही थी। विभाग में पौधरोपण के नाम पर कई बार बड़े फर्जीवाड़े भी सामने आ चुके हैं। सीएम मनोहर लाल ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में ‘वन मित्र’ पोर्टल लांच किया। इस योजना में केवल वही युवा शामिल हो सकेंगे, जिनके परिवार की सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है। युवा अब योजना में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। पहले चरण में 7500 युवाओं का चयन होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान युवाओं को बताना होगा कि वे किस एरिया में पौधरोपण करना चाहते हैं। पौधों का प्रबंध सरकारी नर्सरियों द्वारा किया जाएगा। इतना ही नहीं, सरकार की कोशिश होगी कि युवाओं को कम से कम ढाई से तीन फुट ऊंचाई के पौधे उन्हें मुहैया करवाए जाएं। एक युवा 1000 तक पौधे रोप सकेगा। इसकी सीमा अधिक भी हो सकती है। वन मित्र द्वारा पौधरोपण से पहले गड्ढे खोदे जाएंगे। गड्ढे खोदने के बाद प्रति गड्ढे के हिसाब से वन मित्र को 20 रुपये दिए जाएंगे। जीपीएस के जरिये सरकार इसकी मॉनिटरिंग करेगी। पौधरोपण होने के बाद 30 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से मिलेंगे। इसके बाद पौधे में सिंचाई और इसकी देखरेख का जिम्मा संबंधित वन मित्र का होगा।
4 साल बाद पौधों को कर देंगे हैंडओवर
वन मित्रों ने अगर किसी निजी जमीन पर पौधरोपण किया है तो चार वर्षों के बाद भू-मालिक को सभी पौधे हैंडओवर कर दिए जाएंगे। जमीन अगर किसी संस्था या पंचायत की है तो संबंधित पंचायत और संस्था को चार वर्षों के बाद पौधों को सौंप दिया जाएगा। इसके लिए भूमि मालिक को शपथ-पत्र देना होगा कि हैंडओवर के बाद अगले दस वर्षों तक वह पेड़ों की कटाई नहीं कर सकेंगे। इतना ही नहीं, पहले साल वन मित्र बने युवा, अगर चाहेंगे तो अगले साल भी इस योजना के साथ जुड़े रह सकेंगे।