सहीराम
उधर अयोध्या में रामलला के दर्शनों के लिए भक्तों की लाइन लगी है और इधर भाजपा में शामिल होने के लिए नेताओं की लाइन लगी है। रामलला के दर्शन कराने वास्ते तो बहुत से संगठन लगे हैं। खुद सरकारें और पार्टियां तक दर्शनों का इंतजाम कर रही हैं। अयोध्या में भी इंतजाम चाक-चौबंद हैं। शुरू में जरूर थोड़ी अफरा-तफरी थी और तब मुख्यमंत्री योगीजी को स्वयं इंतजाम देखने जाना पड़ा था। लेकिन भाजपा में शामिल होने के लिए जो आ रहे हैं, उनके लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए पहले मैं, पहले मैं के चक्कर में यहां थोड़ी धक्का-मुक्की भी हो रही है।
अब ये नेता कोई लखनऊ वाले नवाब तो हैं नहीं कि तहजीब दिखाते हुए पहले आप, पहले आप करने लगें। वैसे भी बताते हैं कि पहले आप-पहले आप के चक्कर में उन दोनों नवाबों की ट्रेन निकल गयी थी। नेता लोग राज हाथ से निकल जाने का ऐसा कोई खतरा अफोर्ड नहीं कर सकते। इसलिए थोड़ी धक्का-मुक्की है। इससे हो सकता कि पार्टी के पुराने लोगों में थोड़ी बेचैनी भी हो कि यह क्या हंगामा मचाए हो। स्वयंसेवकों को भी व्यवस्था संभालने में थोड़ी परेशानी हो सकती है। क्योंकि यह कोई कानून व्यवस्था की स्थिति तो है नहीं कि प्रशासन पर जिम्मेदारी डाल दो।
भाजपा नेतृत्व सबको आश्वासन दे रहा है। वैसे भी पार्टी का तो नारा ही है सबका साथ, सबका विकास। तो चिंता मत करो, विकास से कोई वंचित नहीं रहेगा। स्वयंसेवक लाइन में खड़े नेताओं को समझा रहे हैं-आप अपना आवेदन दीजिए। उचित अवसर पर हम आपको निमंत्रित कर लेंगे। नहीं-नहीं, यह पार्टी है, कोई ट्रेन थोड़े ही है कि रिजर्वेशन करा लो। यहां तो सभी वेटिंग में हैं। और जी, अलग-अलग लाइनें भी नहीं लग सकती कि कांग्रेसवालों की अलग लाइन लगवा लो, दूसरी पार्टियों की अलग लगवा लो। अच्छा आप कांग्रेसी हैं। तो हमारे यहां तो कांग्रेसी ही ज्यादा आ रहे हैं। चाहें तो पीछे मुड़कर देख लीजिए, वो देखिए वो खड़े हैं, आपके वे धुरविरोधी जिनसे पार्टी में आपका झगड़ा चलता रहता है। नहीं ऐसा नहीं है कि आपके विरोधी ही हैं, आपके मित्र भी बहुत हैं, चाहे तो पीछे मुड़कर एक नजर डाल लीजिए। नहीं-नहीं, चिंता मत कीजिए, कोई किसी को नहीं बताने वाला।
और बता भी दिया तो क्या फर्क पड़ता है। सबको एक दिन तो यहीं आना है-फिर इससे क्या फर्क पड़ता है कि कोई पूर्व मुख्यमंत्री था, कि मंत्री था। बहुत से ऐसे भी हैं जो कल हमारे खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे, पर आज पार्टी में शामिल होने के लिए लड़ रहे हैं। नहीं-नहीं, हम जानते हैं कि आप राष्ट्र निर्माण के लिए आए हैं। सभी तो राष्ट्र निर्माण के लिए आए हैं जी। नहीं?