शाहाबाद मारकंडा, 18 फरवरी (निस)
किसान आंदोलन को लेकर जीटी रोड बंद के चलते आम आदमी की परेशानी बढ़ती जा रही है। शहर से बाहर जाने वालों को ज्यादा पैसे खर्च करके लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। अनेक लोगों को मजबूरीवश यात्रा करनी पड़ती है और रास्ता भटकने पर वह अपने परिचितों से संपर्क कर सकते हैं, लेकिन यदि नैट चलता तो नैट से लोकेशन चैक करके वह अपने गंतव्यों पर पहुंच सकते थे। शाहाबाद निवासी गिरीश कोहली, सुरजीत विनायक, मोंटू, तेजस गुप्ता ने कहा कि अभी फिलहाल आंदोलन जैसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा और सरकार ने 2-2 दिन की अवधि बढ़ाकर 19 फरवरी तक नैट बंद रखने का फरमान सुना दिया है। उन्होंने कहा कि नैट न चलने के कारण सभी जरूरी भुगतान रुक गए हैं। शाहाबाद तहसील में भी नैट न चलने के कारण पिछले एक सप्ताह से सभी कार्य रुके पड़े हैं। सीएससी सैंटरों पर भी कार्य नहीं हो पा रहे हैं। शाहाबाद में वाहनों को लाडवा रोड व बराड़ा रोड से डाइवर्ट किया गया है जबकि अंबाला से शाहाबाद सीधे नहीं आया जा सकता।
राहत की बात है कि ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ने जलेबी पुल, जो अनेक गांवों को शाहाबाद से जोड़ता है, पर लाइट व्हीकल को गुजरने की अनुमति दे दी है,, जिससे जनता को थोड़ी राहत मिली है। जाम में फंसे मुसाफिरों ने कहा कि किसान आंदोलन के चलते पिछले एक सप्ताह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जाम में फंसे बसंत कुमार, आशु, पवन ढींगड़ा, संदीप कुमार टोनी, गोल्डी, संत कुमार ने कहा कि आपस में समझौता करके जाम को खत्म करवाना चाहिए ताकि जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े। दूसरी ओर जनता की निगाहें आज रविवार को चंडीगढ़ में होने वाली किसानों व सरकार की बैठक तथा कुरुक्षेत्र में होने वाली चढ़ूनी ग्रुप की बैठक पर लगी रही कि चंडीगढ़ में किसानों व सरकार के बीच सहमति बनती है या नहीं। चढ़ूनी ग्रुप किसानों के समर्थन में क्या निर्णय लेता है।