शिमला, 22 फरवरी (निस)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और राज्य को 2032 तक आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे। उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा बीते 14 माह में लिए गए फैसलों से राज्य की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। मुख्यमंत्री विधानसभा में राज्य के वर्ष 2024-25 के आम बजट पर चार दिनों तक चली चर्चा का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री के जवाब के बीच ही पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर अपनी बात रखने के लिए खड़े हो गए और बाद में पूरा विपक्ष उनके समर्थन अपनी सीटों पर खड़ा हो गया। इस दौरान सदन में दोनों ओर से खूब शोरगुल और नारेबाजी हुई तथा बाद में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह कहते हुए वॉकआउट किया कि मुख्यमंत्री झूठ बोलकर सदन को गुमराह कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेशहित में कड़े पैसले, कड़ी नीतियां और कड़े कानून बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेशवासियों को कुछ समय के लिए कठिनाई हो सकती है, लेकिन इसके परिणाम सुखद होंगे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट अभिभाषण पर हुई चर्चा के जवाब में मेडिकल कालेजों व अस्पतालों में कार्य कर रहे सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों के मानदेय को 33 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार रुपए करने, पैरा मल्टीपर्पज वर्कर्स के मानदेय में 500 रुपए की बढ़ोतरी करने, ज्वालामुखी और चुवाड़ी में जलशक्ति विभाग के नए डिवीजन खोलने, शिमला में 45 करोड़ रुपए की लागत से सर्कुलर रोड को चौड़ा करने, शिमला में ही बिजली की तारों को भूमिगत करने के लिए डक्ट के निर्माण पर 25 करोड़ रुपए खर्च करने और शिमला के नवबहार से आईजीएमसी तक सुरंग का निर्माण इसी साल आरंभ करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रही 2.37 लाख महिलाओं की पेंशन को 25 फरवरी से बढ़ाकर 1500 रुपए करने और इसी रोज से पूरे लाहौल-स्पीति जिले की महिलाओं को 1500 रुपए सम्मान राशि आरंभ करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली निशुल्क देने का फैसला परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भविष्य में लेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में वादे पांच साल के लिए किए हैं और इन सभी वादों को आने वाले दिनों में चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 17636 पदों को भरने की प्रक्रिया पहली साल में शुरू कर दी है। ऐसे में सरकार अगले पांच साल में सरकारी क्षेत्र में ही एक लाख से अधिक पद भरेगी।