प्रदेश की 507 सड़कें, 5 एनएच और 2563 ट्रांसफार्मर बंद
शिमला, 3 मार्च (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में मौसम के बिगड़े तेवर लगातार बरकरार हैं। राज्य के जनजातीय और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी का दौर जारी है जबकि मैदानी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में व्यापक से भारी वर्षा हो रही है। इससे जहां तापमान में भारी गिरावट आई है वहीं नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में राज्य में लोगों को मार्च में भी दिसंबर का अहसास हो रहा है। राज्य में भारी बर्फबारी और वर्षा से 507 सड़कें, 5 एनएच, 2563 बिजली ट्रांसफार्मर और 12 पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं।
लाहौल स्पीति में भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त है। पिछले 3 दिन में केलांग में 3 फुट, उदयपुर में 4 फुट और ऊंचाई वाले क्षेत्रों से 6 फुट तक ताजा बर्फबारी दर्ज की जा चुकी है। बर्फबारी से मनाली-केलांग मार्ग सहित जिले की सभी सड़कें अवरुद्ध हैं। बिजली गुल होने से पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। ऐसे में लोगों को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। जिले में हो रही भारी बर्फबारी के चलते हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने लोगों को घरों में ही रहने और हिमस्खलन संभावित स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है। जिले में आज के लिए निर्धारित पल्स पोलियो अभियान स्थगित कर दिया गया है और शिक्षण संस्थान भी बंद कर दिए गए हैं। हालांकि बोर्ड परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी। चंद्रभागा संगम ठंडी के पास आज हुए हिमस्खलन में कुछ दुकानें दब गईं। इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुए है।
जनजातीय जिला किन्नौर में दो दिन से जारी बर्फबारी अभी नहीं थमी है। बर्फबारी के कारण लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। भारी बर्फबारी के कारण जिले में बिजली गुल है। भारत संचार निगम के सभी टावर ठप होने से संचार सुविधा भी अस्त-व्यस्त है।
जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में करीब एक फुट बर्फबारी दर्ज की गई है। कल्पा में करीब तीन फुट बर्फबारी तो जिले के अंतिम गांव छितकुल में साढ़े चार फुट बर्फबारी दर्ज की गई। कड़छम हैलीपैड के पास हिमस्खलन से ये सड़क यातायात के लिए बंद है। बर्फबारी से राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 निगुलसरी और नाथपा सहित कई स्थानों पर अवरुद्ध होने से इस सड़क पर यातायात पूरी तरह से ठप है। जिले के सभी सम्पर्क मार्ग भी अवरुद्ध हैं।
सिरमौर जिले में भी बारिश का क्रम लगातार जारी है। भारी बारिश के कारण गिरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इसके चलते गिरी जटोन डैम से पानी छोड़ा गया है। इससे जिले के निचले क्षेत्रों में बाढ़ व भूस्खलन की संभावना पैदा हो गई है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसे देखते हुए अलर्ट जारी किया है।
शिमला-किन्नौर सड़क कुफरी और नारकंडा में हुए हिमपात के कारण अवरुद्ध है। कुफरी में आधा फुट से अधिक जबकि नारकंडा और खड़ा पत्थर में एक-एक फुट जबकि हाटू पीक, चांशल और चूड़धार चोटियों पर दो-दो फुट से अधिक ताजा हिमपात रिकॉर्ड किया गया है। हिमपात के कारण शिमला-रोहड़ू और शिमला-चौपाल सड़कों पर भी यातायात अवरुद्ध है। शिमला में आज भी वर्षा और ओलावृष्टि का सिलसिला जारी रहा। भारी बारिश से चंबा-तीसा मुख्य मार्ग सहित जिले में दो दर्जन के अधिक मार्ग बंद हैं। मंडी जिले के ऊपरी इलाकों शिकारी देवी, कमरू नाग, जंजैहली, प्रसार झील और अन्य सघनों पर बर्फबारी भी हो रही है। कुल्लू जिले की ऊंची चोटियों, सोलंग नाला, कोठी, पलचान और बिजली महादेव में भी ताजा हिमपात हुआ है।
मौसम में सुधार की उम्मीद
मौसम विभाग ने 4 और 5 मार्च को मौसम में सुधार की संभावना जताई है। इस दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर वर्षा और बर्फबारी होगी। 6 मार्च से वर्षा और बर्फबारी से जुड़ी गतिविधियों में फिर तेजी आएगी।
हिमस्खलन से चेनाब का प्रवाह बाधित
शिमला (एजेंसी) : हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के एक गांव में रविवार तड़के हिमस्खलन हुआ जिससे चेनाब का प्रवाह बाधित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि लाहौल-स्पीति में जसरत गांव के पास दारा झरने पर हिमस्खलन के बाद चेनाब नदी का प्रवाह बाधित हो गया, जबकि जिले में पिछले 24 घंटों में भारी बर्फबारी हुई है। लाहौल-स्पीति के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मयंक चौधरी ने कहा कि जोबरंग, रापी, जसरत, तरंद और थरोट के आसपास के गांवों के निवासियों को सतर्क रहने और आपात स्थिति में निकटतम पुलिस चौकी को सूचित करने की सलाह दी गई है।