गुरुग्राम, 15 मार्च (हप्र)
कैप्टन अजय सिंह यादव ने आरोप लगाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा भाजपा की भ्रष्ट नीतियों को सामने लाता है। चंदा दो, धंधा लो। ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड दान किया है और इसके तुरंत बाद सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है।
शुक्रवार को अपने कार्यालय में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि एसबीआई ने बृहस्पतिवार रात को डाॅटा सार्वजनिक किया। इसमें सामने आया है कि 1300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में दान दिया है, जिसमें 2019 के बाद से भाजपा को 6,000 करोड़ से अधिक का दान शामिल है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया। ठीक एक महीने बाद उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया। जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्तूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ 3 दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया।
अजय सिंह यादव ने बताया भाजपा कि हफ्ता वसूली नीति बेहद सरल है। ईडी, सीबीआई, आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फिर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ्ता (दान) मांगो।
उन्होंने कहा कि टॉप 30 चंदा दाताओं में से कम से कम 14 पर छापे मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में एक जांच में पाया गया कि ईडी, सीबीआई, आईटी छापे के बाद, कंपनियों को चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से भाजपा को दान देने के लिए मजबूर किया गया था। हेटेरो फार्मा और यशोदा अस्पताल जैसी कई कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया है। कैप्टन अजय सिंह यादव ने आरोप लगाया कि यह भाजपा का रिश्वत लेने का नया तरीका है।