- अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए साढ़े 12 हजार
- लोकसभा चुनावों के मद्देनजर हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 19 मार्च
लोकसभा चुनावों में इस बार प्रत्याशी चुनाव प्रचार व प्रबंधन पर अधिकतम 95 लाख रुपये का खर्चा कर सकेंगे। प्रत्याशियों का चुनावी खर्चा उनके नामांकन-पत्र दाखिल जमा करवाने के तुरंत बाद शुरू होगा। इतना ही नहीं, इसके लिए उम्मीदवारों को अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा और खर्चे का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देना होगा। चुनावी खर्चे की गणना और उसके लिए उन्हें अलग से बिल खाते का विवरण देना होगा। मंगलवार को चंडीगढ़ में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने उन्हें यह जानकारी दी। उन्होंने राजनीतिक दलों से आह्वान किया है कि वे मतदाताओं को अधिक से अधिक मतदान के लिए प्रेरित करें। चुनावों में 1 करोड़ 99 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने मतदाताओं से ‘चुनाव का पर्व, देश का गर्व’ मुहिम का हिस्सा बनने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि चुनावों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों व राजनीतिक पार्टियों को इसकी पालना करना अनिवार्य है। अग्रवाल ने कहा कि सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए प्रतिभूति राशि 25 हजार रुपये तथा अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए 12 हजार 500 रुपये होगी।
अग्रवाल ने कहा कि नामांकन पत्र भरते समय चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को फॉर्म 26 एफिडेविट के रूप में भरकर देना होगा। इसे नोटरी या क्लास वन मजिस्ट्रेट से सत्यापित करवाना होगा। स्टार कम्पेनर के लिए वाहन के उपयोग के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से अनुमति प्राप्त करनी होगी। चुनाव के दिन एक वाहन में चालक सहित अधिकतम पांच व्यक्तियों की अनुमति होगी। चुनाव रैलियों के लिए उपायुक्त कम जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा स्थान निर्धारित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कुछ मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किए हैं। इनमें वोटर हेल्पलाइन, सक्ष्म ईसीआई, सी-विजिल, वोटर टर्न आउट तथा अपने प्रत्याशी के बारे में जाने शामिल हैं। इन एप्लीकेशन से मतदाताओं को घर बैठे तमाम जानकारियां उपलब्ध करवाने की सुविधा दी है। प्रदेश में कुल 19 हजार 812 मतदान केंद्र स्थापित होंगे। इनमें सभी मूलरूप जनसुविधाएं उपलब्ध होंगी।
राजनीतिक पार्टियों की ओर से भाजपा के वीरेंद्र गर्ग, कांग्रेस के तलविंद्र सिंह व आरडी सैनी, आम आदमी पार्टी की ओर से वीनस मलिक, जननायक जनता पार्टी से राम नारायण यादव और इनेलो की ओर से सत्यव्रत ने प्रतिनिधियों के रूप बैठक में हिस्सा लिया। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी हेमा शर्मा, संयुक्त निर्वाचन अधिकारी अपूर्व व राजकुमार के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।
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