नयी दिल्ली, 21 मार्च (एजेंसी)
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने चुनावी बॉन्ड के संबंध में अपने पास मौजूद सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी है। शीर्ष अदालत में दाखिल एक अनुपालन हलफनामे में एसबीआई के अध्यक्ष ने कहा कि साइबर सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों के बैंक खाते की पूरी संख्या और केवाईसी के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए।
इस बीच, शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि अब तक द्रमुक के सबसे बड़े दानकर्ता के रूप में उभरे लॉटरी किंग फ्यूचर गेमिंग ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा को भी मोटा चंदा दिया। ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन के स्वामित्व वाली कंपनी ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी को अक्तूबर 2022 तक 285 करोड़ रुपये का दान दिया। आंकड़ों के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, भाजपा को फ्यूचर गेमिंग से 100 करोड़ रुपये मिले, जबकि वाईएसआर कांग्रेस को 150 करोड़ रुपये से अधिक मिले। लाभार्थियों में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा भी शामिल था। गौर हो कि डीएमके को इस कंपनी से 509 करोड़ रुपये मिले।
उधर, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने बताया है कि उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये 1322 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इसकी लगभग आधी राशि (661 करोड़ रुपये) 11 अक्तूबर, 2018 से 30 सितंबर, 2023 तक चार अलग-अलग दिन में भुनाई गई थी। निर्वाचन आयोग के एक सवाल के जवाब में बीआरएस ने 14 नवंबर, 2023 को निर्वाचन आयोग को अपना जवाब सौंप दिया था। बीआरएस दो जून 2014 से दिसंबर 2023 तक तेलंगाना में सत्तारूढ़ थी।
रिलायंस से संबंधित क्विक सप्लाई ने भाजपा को दिए 395 करोड़
शुरुआती विश्लेषण के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज से ‘लिंक’ रखने वाली क्विक सप्लाई चेन ने भाजपा को 395 करोड़, शिवसेना को 25 करोड़ दिए। रिलायंस लिंक वाली एक अन्य कंपनी हनीवेल प्रॉपर्टीज़ ने 30 करोड़ के बाॅन्ड खरीदे। ये सभी बॉन्ड भाजपा के लिए खरीदे गए।