संगरूर, 26 मार्च (निस)
भाजपा ने मंगलवार को पंजाब में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की, जिससे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से फिर से गठबंधन करने संबंधी बातचीत की अटकलों पर विराम लग गया। भाजपा के अकेले चुनाव लड़ने से आम चुनाव में इस सीमावर्ती राज्य में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। पंजाब में 13 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 7 चरणों के चुनाव के अंतिम चरण में, एक जून को होगा। यह घोषणा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और भाजपा में संसदीय चुनाव के लिए फिर से गठबंधन करने संबंधी बातचीत की अटकलों के बीच की गयी है। भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘भाजपा पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने जा रही है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले ‘फीडबैक’ के बाद यह फैसला लिया है। जाखड़ ने विश्वास जताया कि पंजाब के लोग एक जून को बड़ी संख्या में भाजपा के लिए मतदान कर उसे और मजबूत बनाएंगे।
तकरीबन एक सप्ताह पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिअद से गठबंधन की संभावना पर कहा था, ‘बातचीत की जा रही है। हम सभी राजग दलों को एक साथ लाना चाहते हैं।’ हालांकि, शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल भाजपा के साथ बातचीत के मुद्दे पर कुछ कहने से बचते रहे। शिअद ने अब निरस्त किए कृषि कानूनों को लेकर सितंबर 2020 में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से संबंध तोड़ लिए थे। दोनों दलों ने 1996 में गठबंधन बनाया था और एक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे। 2019 में उन्होंने पंजाब में दो-दो लोकसभा सीट जीती थी। जाखड़ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा द्वारा किए काम किसी से छिपे नहीं हैं।’
भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि पिछले 10 साल में किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी तथा किसानों को एक सप्ताह में उनके बैंक खातों में पैसा मिला है।
भाजपा ने मांगी थी 6 सीटें, अकाली 4 देने पर थे राजी
बताया जाता है कि भाजपा पंजाब में 13 में से 6 लोकसभा सीटें मांग रही थी जबकि अकाली 4 सीटें देने पर राजी थे। लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का संकेत देते हुए शिअद ने शुक्रवार को अपनी कोर समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि वह ‘सिद्धांतों को राजनीति से ऊपर रखना जारी रखेगी।’ प्रस्ताव में केंद्र से अपनी जेल की सजा पूरी कर चुके ‘बंदी सिंहों’ (सिख कैदियों) की रिहाई के लिए अपनी ‘स्पष्ट रूप से लिखित प्रतिबद्धता’ का सम्मान करने का अनुरोध किया था। उसने यह भी कहा था कि शिअद किसानों और कृषि मजदूरों के हितों की वकालत करता रहेगा और उनसे किए सभी वादे पूरे किए जाने चाहिए।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भाजपा में शामिल
नयी दिल्ली (एजेंसी) : पंजाब से तीन बार कांग्रेस के सांसद रहे रवनीत सिंह बिट्टू मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले पाला बदलने के बाद बिट्टू ने दावा किया कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से सत्ता में लाने का मन बना लिया है। बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं। बेअंत सिंह को राज्य में आतंकवाद विरोधी अभियान का नायक माना जाता है। पद पर रहते हुए एक आतंकवादी हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी। बिट्टू लोकसभा में लुधियाना का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य नेताओं की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब के लिए उनके मन में बहुत स्नेह है और वह राज्य के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। बिट्टू ने कहा कि लोगों ने लोकसभा चुनाव में केंद्र में भाजपा को सत्ता में लाने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा, ‘हम किसानों, श्रमिकों, उद्योगों के लिए सेतु का काम करेंगे। राज्य में आतंकवाद के काले दिनों को याद करते हुए उन्होंने शांति के लिए काम करने में भाजपा और आरएसएस की भूमिका की प्रशंसा की। भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि बिट्टू के शामिल होने से पार्टी मजबूत होगी।
सभी 13 सीटों पर उतारेंगे प्रत्याशी : सुखबीर बादल
बरनाला/अमृतसर (निस) : पंजाब में भाजपा के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा पर शिरोमणि अकाली दल (बा) के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है। मंगलवार को अमृतसर पहुंचे सुखबीर बादल ने कहा कि अकाली दल पंजाब में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिअद को सत्ता का लालच नहीं है। अकाली दल ने हमेशा पंथ और राज्य के मुद्दों को राजनीति से ऊपर रखा है। सुखबीर होला मोहल्ला के अवसर पर यहां पहुंचे थे।
इस दौरान उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में माथा भी टेका। बादल ने कहा कि अकाली दल उसूलों पर चलने वाला दल है। बादल ने भाजपा का नाम न लेते हुए कहा कि दिल्ली की राजनीतिक पार्टियां हमेशा वोट की राजनीति करती हैं लेकिन हमने कभी ऐसा नहीं किया। शिअद किसानों के हितों के लिए लड़ता रहा है।