भिवानी, 9 मई (हप्र)
पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश आईटी सैल प्रमुख शिवकुमार शास्त्री ने बताया कि वर्तमान में चल रहे लोकसभा चुनावों में पीबीएसएस पूरे प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल के नेतृत्व में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के मुद्दे पर शत-प्रतिशत मतदान करने को कर्मचारियों को लामबंद कर रहे हैं जिसके चलते यह मुद्दा हरियाणा में गेम चेंजर बनने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की तीन लाख कर्मचारी व उनके परिजनों को मिला लें तो यह आंकड़ा पंद्रह-बीस लाख पर जाता है जो सीधे-सीधे अपने बुढ़ापे के सहारे ओपीएस यानी पुरानी पेंशन के मुद्दे पर जाएगा। इसलिए हर विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं के मुख पर यह मुद्दा उनके चुनावी भाषणों में नजर आ रहा है।
गौरतलब है पीबीएसएस व एनएमओपीएस देश व प्रदेश में पिछले कई सालों से पुरानी पेंशन के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं।
उनका कहना है कि 25-30 साल सरकारी सेवा के बावजूद अर्धसैनिक बलों के जवानों व कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिलती जबकि सांसद, विधायकों को शपथ लेते ही पेंशन का अधिकार मिल जाता है यहां तक हो तो भी गनीमत होती हर चुनाव जीतने पर या तो बढ़ी हुई या अलग से पेंशन मिलती है, जेल में सजायाफ्ता नेता भी पांच पांच पेंशन उठाते देखे जा सकते हैं जिसके चलते कर्मचारियों में भारी रोष है और आने वाले चुनाव के नतीजों में वह दिखाई भी देगा।