गुरुग्राम, 11 मई (हप्र)
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि युवाओं को ज्ञान अर्जित करने के साथ- साथ तकनीक के माध्यम से आगे बढ़ने के लिए आज के दौर में चल रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट तथा नई-नई तकनीकों का प्रयोग करना होगा। इससे उनकी निपुणता, नवाचार और सोच में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2047 तक भारत सुपर पावर बनेगा और इसमें आज के युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित होनी चाहिए, इसलिए युवाओं को इस कार्य में बढ़-चढ़ कर भाग लेना होगा।
राज्यपाल आज यहां एपीजे सत्या विष्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। यह समारोह संस्था के दिल्ली पंचशील पार्क स्थित संस्थान में आयोजित किया गया था। समारोह में राज्यपाल ने 1118 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह में जब कोई विद्यार्थी कड़ी मेहनत व लग्न के साथ शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत उपाधि प्राप्त करता है तो वह पल उसके लिए बेहद गौरवशाली एवं उपलब्धि भरा होता है। आज का यह उपलब्धियों भरा गौरवमय क्षण आप विद्यार्थियों के अथक परिश्रम एवं सतत अध्ययन के साथ-साथ आपके आदरणीय माता-पिता के आपार त्याग, तपस्या और कठोर परिश्रम, गुरुजनों के सहयोग एवं मार्गदर्शन का परिणाम है।
राज्यपाल ने समाज के लिए कार्य करने का संकल्प लेने का संदेश देते हुए कहा कि विद्यार्थी संकल्प लें और रोज उस संकल्प को प्राप्त करने को मेहनत करें।
इस मौके पर भारत के 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष प्रो. अरविंद पनगढ़िया, यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह, एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी की चांसलर, एपीजे एजुकेशन की अध्यक्ष एंड बिजनेस ओनर और चेयरमैन, एपीजे सत्या और स्वरान ग्रुप सुषमा पॉल बर्लिया, विवि की प्रो-चांसलर डॉ. नेहा बर्लिया, विवि के कुलपति प्रो. विजय वीर सिंह ने भी समारोह को संबोधित किया। समारोह में राज्यपाल ने उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को उपाधियां देकर सम्मानित किया समारोह में राज्यपाल को विवि की चांसलर सुषमा पॉल बर्लिया ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इससे पहले दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने दीप प्रज्जवलन किया और पौधा भी लगाया।
‘मनी इज नॉट पावर, नॉलेज इज पावर’
राज्यपाल ने अंग्रेजी में ‘वनस ए स्टूडेंट-लाइफ लांग ए स्टूडेंट’ कहते हुए बताया कि ‘आज मैं राज्यपाल हूं लेकिन मैं आज भी विद्यार्थी हूं अर्थात मेरे अंदर आज भी सीखने की भावना रहती है।’ उन्होंने कहा कि ‘मनी इज नॉट पावर, नॉलेज इज पावर’ यानी नॉलेज बढ़ेगी तो आपकी रिकॉग्निशन बढ़ेगी और शिक्षा से चरित्र बनेगा तथा चरित्र आपको मजबूत बनाएगा।