अजय मल्होत्रा/ हप्र
भिवानी, 18 मई
राजस्थान से सटे भिवानी-महेंद्रगढ़ में सियासी पारा चढ़ने लगा है। यह क्षेत्र प्रदेश का पहल ऐसा क्षेत्र बन गया है, जहां देश की दोनों बड़ी पार्टियों के शीर्ष नेता चुनाव प्रचार के लिए आ रहे है। ऐसे में इस क्षेत्र का चुनावी महत्व बढ़ गया है। भाजपा व कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों को भी यहां अब अपने अपने नेताओं से अच्छी खासी आस है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां 23 मई को महेंद्रगढ़ में चुनावी रैली करेंगें, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी 22 मई को चरखी दादरी में रैली करेंगे।
क्षेत्र में भाजपा के दो बार के सांसद धर्मबीर सिंह तीसरी बार किस्मत आजमा रहें हैं, जबकि कांग्रेस के राव दान सिंह उम्मीदवार हैं। यह क्षेत्र जाट व अहीर बहुल है। भाजपा ने धर्मबीर सिंह को तीसरी बार इसलिए उम्मीदवार बनाया है कि अहीरवाल, जो आमतौर पर भाजपा का वोट बैंक माना जाता है, इसमें धर्मबीर को समर्थन मिलना तय है। वहीं कांग्रेस ने अबकी बार यहां से बंसीलाल की पोती श्रुति की बजाय अहीरवाल के राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाकर उतारा है।
किसान आंदोलन के लिए मशहूर भिवानी जिले में भाजपा के प्रति नाराजगी ने आग में घी डालने का काम किया। कभी भाजपा के लिए सुरक्षित समझी जाने वाली भिवानी- महेंद्रगढ़ सीट पर तगड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। भाजपा द्वारा भिवानी-महेंद्रगढ़ में नरेंद्र मोदी व कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी के कार्यक्रम को करवाने का मकसद साफ नज़र आनेे लगा है। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले हरियाणा में अपनी पहली रैली अहीरवाल का हिस्सा माने जाने वाले रेवाड़ी में की थी। मकसद था ओबीसी वोट बैंक को भाजपा की तरफ करना। पिछले दो लोकसभा चुनाव में अहीरवाल से भाजपा को अच्छी खासी बढ़त भी मिली थी। इस बार कांग्रेस द्वारा यहां से यादव चेहरा उतारने के बाद हालात कुछ बदले-बदले दिखाई दे रहे हैं। भाजपाइयों का यह मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी को दौरा न केवल महेेंद्रगढ़ जिले में फायदा देगा, बल्कि साथ लगते गुरुग्राम व रोहतक क्षेत्र के कोसली में भी इसका फायदा मिलेगा। सांसद धर्मबीर के लिये टिकट की पैरवी करने वाले केंद्रीय मंत्री एवं गुरुग्राम लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत ने सोची समझी रणनीति के तहत प्रधानमंत्री का कार्यक्रम महेंद्रगढ़ के लिए रखा है। अहीरवाल में भाजपा का वर्चस्व बरकरार रखने की उम्मीद में भाजपाइयों ने प्रधानमंत्री की रैली को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। उधर, पिछले तीन वर्षों के दौरान भिवानी जिले के लोग किसान आंदोलनों में सक्रिय दिखाई दिए और क्षेत्र की महिला पहलवानों के उत्पीड़न के कारण किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ी है। राहुल व प्रियंका किसानों व महिला पहलवानों के बीच मौजूद रहे हैं। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी ने अपना दौरा किसान आंदोलनों के लिये मशहूर भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र के चरखी दादरी में रखा है। इससे वे न केवल क्षेत्र के किसानों बल्कि देश के अन्य किसानों के साथ संबधता दिखाना चाहेंगे। कांग्रेस के इस कदम को भी सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। दोनों बड़े नेताओं के इस क्षेत्र में होने वाले दौरों का उनकी पार्टियों व उम्मीदवारों को कितना फायदा मिलेगा यह तो समय बताएगा, लेकिन इन दौरों ने मतदाताओं की धड़कनें जरूर तेज कर दी हैं।