जसमेर मलिक/ हप्र
जींद, 19 मई
शिक्षा निदेशालय द्वारा इस साल विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का जो लक्ष्य जींद जिले के लिए निर्धारित किया गया था, वह पूरा नहीं हुआ है। इस साल सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ना तो दूर, पिछले साल की संख्या के मुकाबले यह कम हो रही है। जिले में पिछले साल बाल वाटिका से लेकर पांचवीं कक्षा तक छात्रों की संख्या 42351 थी, जो इस साल अब तक केवल 37464 तक पहुंची है। अभी भी पिछले साल के मुकाबले छात्रों की संख्या 4887 कम है। एक मई से 17 मई तक जिले भर में 806 नये दाखिले हुए हैं।
जींद जिले में पिछले साल बाल वाटिका से लेकर पांचवीं कक्षा तक उचाना ब्लॉक में 7683, पिल्लूखेड़ा ब्लॉक में 2582, जींद ब्लॉक में 8794, नरवाना ब्लॉक में 9271, अलेवा ब्लॉक में 3263, सफीदों ब्लॉक में 6129 व जुलाना ब्लॉक में 4629 छात्र संख्या थी। इस साल 17 मई तक उचाना ब्लॉक में विद्यार्थियों की संख्या 6785, पिल्लूखेड़ा ब्लॉक में 2281, जींद ब्लॉक में 7682, नरवाना ब्लॉक में 8292, अलेवा ब्लॉक में 2860, सफीदों ब्लॉक में 5325 व जुलाना ब्लॉक में 4239 है।
जिले के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या पिछले दो साल में बढ़ने की बजाय घट रही है। सत्र 2022-23 में जिले के 720 सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या 130901 थी, वहीं 2023-24 में छात्र संख्या घट कर 107884 हो गई थी। ऐसे में इस साल अप्रैल में शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने अधिकारियों की ऑनलाइन मीटिंग लेकर दाखिला बढ़ाने के निर्देश दिए थे। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए डोर टू डोर अभियान शुरू किया गया था, जो अब तक जारी है। शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को अवसर मोबाइल एप के माध्यम से परीक्षा, सुपर-100 स्कीम के तहत नीट और जेईई की निशुल्क तैयारी के लिए प्रशिक्षण, हर माह बच्चे और अभिभावकों के साथ शिक्षकों की बैठक, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए निशुल्क जांच शिविर, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए मुफ्त साइकिल, मुफ्त वर्दी, पुस्तकें, स्कूल बैग और स्टेशनरी, विद्यार्थियों के लिए अनेक प्रकार की छात्रवृत्ति, विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं। लेकिन छात्रों की संख्या कम है।
दाखिले बढ़ाने पर जोर रहेगा
विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इस माह के अंत तक दाखिला बढ़ाने पर जोर रहेगा। उम्मीद है कि छात्र संख्या बढ़ जाएगी और जो अंतर है उसे पूरा कर लिया जाएगा।
-डॉ. सुभाष वर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, जींद