नयी दिल्ली, 21 मई (एजेंसी)
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और 6 बार के लोकसभा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा दायर एक आपराधिक मामले में यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए। बृज भूषण ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत के समक्ष खुद को निर्दोष बताया और सुनवाई की मांग की। बृज भूषण ने न्यायाधीश से कहा, ‘जब मैं दोषी नहीं हूं तो मैं दोष स्वीकार क्यों करूंगा?’ अदालत ने मामले में सह आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया। मामले में अगली सुनवाई एक जून को होगी।
एसीएमएम प्रियंका ने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ‘पर्याप्त सबूत’ मौजूद हैं। हालांकि अदालत ने छह महिला पहलवानों में से एक द्वारा दायर शिकायत में बृज भूषण को आरोपमुक्त कर दिया क्योंकि उसके दावे के समर्थन में पर्याप्त सबूत नहीं थे। दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354ए, 354डी (पीछा करना) और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया था। जुलाई में दिल्ली की एक अन्य अदालत बृज भूषण के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत को रद्द करने की मांग करने वाली पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार करने या नहीं करने के बारे में अपना आदेश सुना सकती है।