गुरुग्राम, 22 मई (हप्र)
संरचनात्मक ऑडिट में सहयोग नहीं करने पर जिला उपायुक्त ने दो बिल्डर की संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। इनमें डीएलएफ और रहेजा बिल्डर शामिल हैं। दोनों बिल्डर पर सेक्टर-54 स्थित डीएलएफ पार्क प्लेस, सेक्टर-108 स्थित रहेजा वेदांता और सेक्टर-109 स्थित रहेजा अथर्वा में संरचनात्मक ऑडिट करवाने में आ रहे खर्च की राशि का भुगतान नहीं किया। लगातार नोटिस देने के बावजूद राशि को जमा नहीं करवाने का आरोप है। डीटीपीई की सिफारिश के बाद जिला उपायुक्त ने यह सख्त कदम उठाया है। यह दोनों बिल्डर जब तक ऑडिट राशि को जमा नहीं करवा देते हैं, तब तक यह रोक रहेगी।
सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडाइसो हादसे के बाद जिला प्रशासन के पास करीब 70 रिहायशी सोसायटियों के निवासियों ने संरचनात्मक ऑडिट करवाने की मांग को उठाया था। पहले चरण में जिला प्रशासन ने 15 रिहायशी सोसायटियों का चयन किया था। उपरोक्त तीनों सोसायटियों में हरियाणा सरकार की तरफ से नियुक्त सलाहकार कंपनियों ने निरीक्षण किया था। जांच के एवज में डीएलएफ ने 61 लाख 36 हजरी 387 रुपये, रहेजा ने वेदांता सोसायटी को लेकर 56 लाख 87 हजार 104 रुपये व अथर्वा सोसाइटी को लेकर 20 लाख 41 हजार 573 रुपये जमा करवाने हैं। पिछले आठ महीने से नोटिस देने के बावजूद जब यह राशि जमा नहीं करवाई तो डीटीपीई ने जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर इन बिल्डर की संपत्ति से इस राशि को वसूल करने का आग्रह किया था।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि संरचनात्मक ऑडिट की फीस जमा नहीं करवाने पर बिल्डर की संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई है। इस सिलसिले में तहसीलदार को आदेश जारी कर दिए हैं।