शिमला, 28 मई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कोर्ट के समक्ष झूठा शपथ पत्र दायर करने के मामले में राज्य सरकार की संयुक्त सचिव (कार्मिक) नीरज चांदला के खिलाफ नोटिस जारी कर यह पूछा है क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय के समक्ष झूठा शपथ पत्र दायर करने व कोर्ट के साथ जालसाजी के मामले में कार्यवाही चलाई जाए। न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि प्रतिवादी नंबर 4 का चयन नोटिस अनुसार पूरी तरह से अवैध है। इसलिए उसकी नियुक्ति रद्द की जाती है और राज्य सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह योग्यता में अगले व्यक्ति को पंचायत चौकीदार के रूप में नियुक्त करे।
प्रथम दृष्टया प्रतिवादियों की ओर से दाखिल शपथ पत्र झूठा प्रतीत होता है कि 6 अगस्त, 2018 को पंचायत चौकीदार के पद को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित करने के लिए जारी नोटिस की शर्तों के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से प्रदान किया गया था कि अपेक्षित प्रमाणपत्रों के साथ आवेदन ग्राम पंचायत में 18 अगस्त, 2018 तक पहुंचना चाहिए। साक्षात्कार पंचायत कार्यालय में 25 अगस्त 2018 को सुबह 11 बजे आयोजित किए गए। प्रतिवादियों द्वारा दायर जबाब में यह विशेष रूप से कहा गया है कि सभी आवेदकों को साक्षात्कार के समय अपना आवेदन जमा करने के लिए कहा गया था जो स्पष्ट रूप से नोटिस में है। यदि यह पर्याप्त नहीं था, तो यह भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि प्रतिवादी नंबर 4 का गैर-रोज़गार प्रमाण पत्र 29 अगस्त, 2018 का है, यानी साक्षात्कार की तारीख और परिणाम की घोषणा के 4 दिन बाद का फिर भी प्रतिवादी नंबर 4 को इसके लिए 3 अंक दिए गए।
मामले पर आगामी सुनवाई 11 जून को निर्धारित की गई है। उक्त तारीख को संयुक्त सचिव कार्मिक को न्यायालय के समक्ष हाजिर रहने के आदेश जारी किए गए हैं।