बिजेंद्र सिंह/हप्र
पानीपत, 28 मई
कहते हैं कि संगीत बेजुबान भी समझता है और ऐसा ही नजारा इन दिनों पानीपत शहर में जीटी रोड स्थित श्री गौशाला सोसाइटी की गौशाला में देखने को मिल रहा है। इस गौशाला में ऑटोमेटिक आरती म्यूजिक सिस्टम लगाया गया है, जिसे ढोल मंजिरा तासा भी कहा जाता है। इसमें ढोल, तासा, घंटा व घंटी की 7 तरह की आवाजें आरती के समय बजने के दौरान
निकलती है। पानीपत जिला में 33 गौशालाएं हैं और उनमें से 30 गौशालाएं गौ सेवा आयोग हरियाणा से रजिस्ट्रड हैं। जिले की 33 गौशालाओं में से पानीपत शहर की एकमात्र गौशाला में ही म्यूजिक सिस्टम लगाया गया है। इस गौशाला में रोजाना सुबह 5 से 5.30 बजे और शाम को 7 से 7.30 बजे के बीच इसी म्यूजिक सिस्टम पर गौमाता की आरती होती है। आरती के उपरांत महिलाओं व गौभक्तों द्वारा गौ माता के भजनों पर परिक्रमा भी की जाती है। यह आरती म्यूजिक सिस्टम रोजाना सुबह व शाम को करीब 45-45 मिनट तक बजता रहता है।
श्री गौशाला सोसाइटी की पांच विभिन्न गौशालाओं की देखरेख करने वाले प्रमुख सेवादार विरेंद्र यादव के नेतृत्व रोजाना इस गौशाला में गौ माता की आरती होती है। विरेंद्र यादव का दावा है कि यह महसूस होता है कि जब आरती होती है तो गाय माता प्रसन्नचित मुद्रा के साथ आनंद लेतीं हैं।
अहमदाबाद से मंगवाये गये थे तीन आरती म्यूजिक सिस्टम
गौशाला के सेवादार विरेंद्र यादव ने बताया कि एक गौभक्त एवं समाजसेवी ने अहमदाबाद से करीब 6 माह पहले तीन आरती म्यूजिक सिस्टम मंगवाये थे। उनमें से एक म्यूजिक सिस्टम गौशाला में, दूसरा म्यूजिक सिस्टम गौशाला के साथ बने गौशाला मंदिर में और तीसरा सिस्टम पानीपत के ऐतिहासिक देवी मंदिर में लगवाया गया है। यादव ने भजनों की धुनों से गौशाला में एक सकारात्मकता वातावरण बना रहता है और इसे सभी गौशाला आने वाले लोग पसंद कर रहे हैं।