जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 28 मई
जिले की ग्राम पंचायतों की शराबबंदी में कतई रुचि नहीं है। जींद जिले की 300 में से महज 8 ग्राम पंचायतों ने प्रस्ताव पास कर अपने यहां शराबबंदी का अनुरोध आबकारी एवं कराधान विभाग को भेजा। इनमें 5 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव रिजेक्ट हो गए हैं, जबकि 3 गांवों में ही इस बार शराबबंदी हो पाएगी।
जलालपुर खुर्द, रधाना, देवरड़, झमौला, रामकली, मोरखी, मालश्रीखेड़ा और कुरड़ गांव ने आबकारी विभाग के पास प्रस्ताव भेजकर मांग की थी कि उनके गांव में शराब का ठेका न खोला जाए। पिछले सप्ताह पंचकूला में मुख्यालय पर सभी गांवों के सरपंच और प्रतिनिधियों को बुलाया गया। वहां कमिश्नर के सामने पिछले दो वर्षों का रिकाॅर्ड पेश किया गया। कमिश्नर द्वारा सरपंचों की सुनवाई के बाद रिकाॅर्ड चेक किया गया। इसमें पांच ग्राम पंचायतें- मोरखी, मालश्रीखेड़ा, कुरड़, रधाना और झमौला, विभाग के शराबबंदी के नियमों पर खरी नहीं उतरीं। इन गांवों में पिछले दो साल के दौरान अवैध रूप से शराब बिक्री के मामले सामने आए थे, इसलिए उनके प्रस्तावों को रिजेक्ट कर दिया गया। जलालपुर खुर्द, देवरड़ और रामकली गांव के प्रस्ताव पास करते हुए नये सत्र में शराबबंदी के आदेश कमिश्नर ने जारी किए। आगामी 12 जून से शुरू हो रहे नये सत्र में इन तीन गांवों में शराब का ठेका नहीं खुलेगा।
गौर हो कि रामकली ग्राम पंचायत द्वारा हर वर्ष शराबबंदी के लिए प्रस्ताव भेजा जाता रहा है, लेकिन विभागीय नियम आड़े आ रहे थे। इस बार रामकली ग्राम पंचायत अपने गांव में शराबबंदी करवाने में सफल रही।
3 गांवों में नहीं खुलेंगे ठेके
नये सत्र में जिले के 3 गांवों में शराबबंदी होगी। एक जून की शाम को डीआरडीए हाल में नये सत्र के लिए शराब ठेकों की नीलामी होगी। इसके लिए पंजीकरण शुरू हो गया है। इस समय जिले में शराब ठेकों के 50 मुख्य बेंड और 227 सब-बेंड हैं। 12 जून को शराब ठेकों का नया सत्र शुरू हो जाएगा। सामान्य तौर पर 31 मार्च को ठेकों का सत्र पूरा होता है, लेकिन कोरोना काल में शराब ठेके भी कई माह बंद थे, इसलिए उन्हें बाद में अतिरिक्त समय मिल गया था।
-विजय कौशिक, डीईटीसी, आबकारी एवं कराधान विभाग, जींद
ये हैं नियम
आबकारी एवं कराधान विभाग जींद के असिस्टेंट सुपरवाइजर अजमेर घनघस ने बताया कि नियमों के अनुसार जिस गांव में पिछले 2 साल में एक बार भी अवैध शराब की बिक्री का मामला पकड़ा गया हो, वहां शराब का ठेका बंद करने की अनुमति नहीं मिलेगी। अगर गांव में गुरुकुल होगा, तो वहां ठेका नहीं खुलेगा। इसके अलावा स्कूल और मंदिर से लगभग 150 मीटर क्षेत्र में शराब का ठेका नहीं खोले जान का नियम है।