कैथल, 29 मई (हप्र)
जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुष्ठ रोग खोज अभियान (एलसीडीसी) के तहत चल रहा सर्वे पूरा हो चुका है। यह सर्वे 13 मई से लेकर 27 मई तक किया गया। राहत की बात है कि जिले में 73 हजार 426 लोगों की स्क्रीनिंग की। इसमें एक महिला में कुष्ठ रोग की पुष्टि हुई है, जिसका इलाज जिला सिविल अस्पताल में शुरू कर दिया गया है। वहीं, एक संभावित मरीज भी सामने आया है, जिसकी जांच होने के बाद ही जानकारी मिल पाएगी कि वह इस बीमारी से पीड़ित है या नहीं।
गौरतलब है कुष्ठ रोग का इलाज जिला सिविल अस्पताल में नि:शुल्क किया जाता है। जिला सिविल अस्पताल की त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. मीनाक्षी गोयल ने बताया कि विभाग की तरफ से कुष्ठ रोगियों की पहचान को लेकर चल रहा सर्वे पूरा हो गया है।
मरीज सामने आने के बाद नि:शुल्क इलाज किया जाता है। लोगों से भी अपील की जा रही है कि अगर बीमारी के लक्षण नजर आएं तो बिना देरी किए अस्पताल में इलाज करवाएं।
यह हैं लक्षण
चमड़ी पर पीले, लाल या तांबई रंग के धब्बे हों, जिनमें सुन्नपन हो। चेहरे, कान या शरीर के किसी भाग की त्वचा लाल और मोटी हो गई हो।
सर्वे को लेकर 66 टीमों का किया गठन : डा. संदीप
बीमारी के नोडल अधिकारी डा. संदीप बातिश ने बताया कि कुष्ठ रोगियों की पहचान को लेकर सर्वे किया गया। इस सर्वे को लेकर जिले में कुल 66 टीमों का गठन किया है, जो पूरे जिले में घर-घर पहुंचकर कुष्ठ रोगियों की जांच के लिए जा रही हैं।
”जिला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पूरे जिले में कुष्ठ रोग खोज अभियान चलाया गया। इस दौरान 73 हजार 426 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से एक महिला में बीमारी की पुष्टि हुई है, जिसका इलाज शुरू कर दिया है। कुष्ठ रोग एक सामान्य त्वचा रोग है। कुष्ठ रोग छूत की बीमारी नहीं है। मरीज से भेदभाव न करें। ”
-डॉ. रेनू चावला, सिविल सर्जन, कैथल।