मंडी अटेली, 29 मई (निस)
गांव फतेहपुर (फतनी) के जलघर में बुधवार को दो चचेरे भाइयों की डूबने से मौत हो गई। गोताखोरों ने शवों को निकाल कर पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया। एक बच्चा 11वीं कक्षा तथा दूसरा 9वीं कक्षा में पढ़ता था।
जानकारी के अनुसार गांव फतेहपुर निवासी लोकेश (16) पुत्र सुनील कुमार व नैतिक (14) पुत्र सतीश कुमार बुधवार को जल घर के समीप अपने खेतों में खाद छिड़कने के लिए गये थे। दोनों चचेरे भाई सुबह 6 बजे साइकिल पर गये थे। काम निपटाने के बाद वे खेत के समीप बने जनस्वास्थ्य विभाग के जलघर में नहाने उतर गये। जानकारी के अनुसार बच्चे जलघर में रस्सी बांध कर नहा रहे थे। रस्सी के टूटने के कारण वे जल घर में डूबे गये। काफी देर तक बच्चों के घर नहीं लौटने पर एक लड़के की मां खेतों में आई। जलघर के पास उसे बच्चों की साइकिल, चप्पल व कपड़े मिले। अनहोनी का अंदेशा होने पर उसने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी। गांव के लोगों ने जलघर में बच्चों को निकालने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। उसके बाद महेंद्रगढ़ से गोताखोर बुला गया। एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों बच्चों को जलघर से निकाला गया।
गांव की सरपंच प्रतिनिधि आशुतोष, पूर्व सरपंच महाबीर सिंह ने बताया कि ये बच्चे चचेरे भाई थे तथा इनकी मां भी सगी बहन हैं। थाना प्रभारी ब्रह्मप्रकाश ने बताया कि शवों को निकाल कर नागरिक अस्पताल नारनौल में शवों का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया।
11 साल पहले भी हुआ था हादसा
इसी जलघर में 11 वर्ष पूर्व 10 अप्रैल, 2013 को मंडी अटेली के चार बच्चे डूब गये थे। जिनमें 14 वर्षीय पारस नामक बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी। उसके बाद यह बच्चे नहाने के लिए गये तब जलघर में कोई कर्मी नहीं था। बुधवार को भी यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि अगर कोई कर्मी होता तो बच्चों की जान बचायी जा सकती थी। गर्मी की छुट्टी पड़ने के बाद बच्चे फ्री रहते हैं।
जलघर की 10 एकड़ में फैला हुआ है तथा इसमें पानी की क्षमता 3 एमएलडी है, जलघर में तीन पानी के टैंक बने हुए है। प्रारंभिक सूचना मिली कि बच्चे पीछे से दीवार फांद कर जलघर में नहा रहे थे। ज्यादा जानकारी कर्मियों से ली जाएगी तथा भविष्य में जलघर के चारों ओर तार बाड़ लगायी जाएगी।
-प्रदीप कुमार, कार्यकारी अभियंता, जनस्वास्थ्य विभाग