चंडीगढ़, 31 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के शहरों में स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पिछले दिनों टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने 23 फरवरी, 2023 के बाद हुए निर्माण के तहत चौथी मंजिलों को गिराने के आदेश जारी किए थे। विभाग के निर्देशों के बाद जिलों के अधिकारियों की ओर से इस संदर्भ में लिखित में आदेश जारी किए गए। दरअसल, बड़ी संख्या में बिल्डरों व लोगों ने अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत करके आक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी करवा लिए थे।
यह आदेश जारी होने के बाद मीडिया की सुर्खियां बनी तो लोगों में हड़कंप मच गया। सरकार तक भी लोगों की फरियाद पहुंची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जवाहर यादव ने ट्वीट करके दावा किया है कि शहरों में चौथी मंजिल पर किसी तरह की तोड़-फोड़ नहीं होगी। विभाग के लिखित आदेशों के बावजूद जवाहर यादव ने चौथे फ्लोर को गिराने की खबरों को झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस संदर्भ में फैसला लेंगे। जवाहर यादव के दावे को अगर सही मानें तो चार जून के बाद सरकार अपने इस फैसले को वापस ले सकती है। यहां बता दें कि 23 फरवरी, 2023 के बाद स्टिल्ट पार्किंग के साथ चार मंजिला निर्माण पर पूरी तरह से रोक है। हालांकि इससे पहले जिन लोगों ने नक्शे पास करवाए हुए हैं और परमिशन ली हुई है, वे चौथी मंजिल तक निर्माण कर सकेंगे। उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। यहां बता दें कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के निदेशक अमित खत्री ने स्टिल्ट प्लस चार मंजिला भवनों को लेकर आदेश जारी किए थे। इसके बाद गुरुग्राम के जिला नगर योजनाकार ने आदेशों को अमलीजामा पहनाते हुए 19 मई को इस संबंध में पब्लिक नोटिस जारी किया। ये आदेश आज भी नगर एवं आयोजना विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। निदेशक के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि गलत तरीके से आक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी करने वाले वास्तुकारों को ब्लैक लिस्ट किया जाए।
खुद निर्माण ढहाने को कहा गया
सभी बिल्डरों और भवन मालिकों को अवैध निर्माण खुद ही ढहाने के लिए बोला गया और भवन को पहले की मूल स्थिति में लाने के निर्देश दिए गए। चौथी मंजिल की खरीद-फरोख्त पर भी रोक लगाई गई। वास्तुकारों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि स्टिल्ट प्लस चार मंजिला भवनों को लेकर कोई आक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाए, जहां चौथी मंजिल के लिए भवन योजना की मंजूरी नहीं दी गई है।