चंडीगढ़, 1 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा भी भीषण गर्मी की चपेट में है। सिरसा, हिसार व अहीरवाल के एरिया में पारा 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ऐसे में कई शहरों व ग्रामीण इलाकों में पानी का संकट गहरा गया है। सीएम नायब सिंह सैनी के निर्देशों के बाद सिंचाई विभाग तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग हरकत में आया है। सिंचाई विभाग ने पानी की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए नहरों पर निगरानी बढ़ाई है। साथ ही, पंप हाउस को स्वच्छ बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। सिंचाई विभाग के लिफ्ट सिंचाई यूनिट के मुख्य अभियंता विजेंद्र सिंह नारा ने अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश जारी कर पंप हाउस के आसपास झुंडे, सरकंडे, सूखी घास और झाड़ियों को तुरंत हटाने को कहा है। गरमी के मौसम में आगजनी की घटनाएं बढ़ने की संभावना रहती हैं। इन्हें रोकने के लिए पंप हाउस की सफाई अनिवार्य है। बृजेंद्र नारा ने बताया कि राज्य में प्रत्येक जिले में टेल तक पानी पहुंचाया जा रहा है।
हरियाणा में जल संसाधनों और पानी की असमानता के चलते मई-जून में पानी की कमी झेलनी पड़ती है। हालांकि सिंचाई विभाग की ओर से जुलाई-सितंबर में बारिश से पानी की उपलब्धता बढ़ने और बाढ़ की संभावना के चलते सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। नांगल-चौधरी एवं लोहारू क्षेत्र में नहरों में निरंतर पानी चल रहा है। बिजेंद्र नारा ने बताया कि प्रदेश में जलस्त्रोतों को बढ़ाने के साथ जल प्रबंधन पर भी काम किया जा रहा है। खासकर दक्षिणी हरियाणा में भूजल स्तर बढ़ाने पर फोकस है। साथ ही, भूजल स्तर के अतिदोहन को रोकने को लेकर भी योजना तैयार की जा रही है। सिंचाई प्रणाली के रखरखाव में सुधार, पानी का उचित वितरण, आउटलेट का सही स्थान, प्राकृतिक जल निकासी की स्थिति में सुधार, नहरों और पंप हाउसों की स्थिति सुधार के जरिये दक्षिणी हरियाणा के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाया जा रहा है।