पानीपत, 2 जून (हप्र)
पानीपत जिले में पिछले वर्ष 11 जुलाई को गांव नवादा पार व पत्थरगढ़ के बीच यमुना नदी का तटबंध टूटने से करीब 26 गांवों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई थी। कई गांवों के रास्तों व सड़कों पर पानी भरने से ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इस बार पानीपत जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग बाढ़ से बचाव को लेकर पहले से ही मुस्तैद है। सिंचाई विभाग द्वारा यमुना नदी में तटबंध के किनारे इस बार एक दर्जन से ज्यादा गांवों में करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से दो दर्जन पत्थरों की ठोकरें लगवाई जा रही हैं। इनमें से विभाग द्वारा 12 ठोकरें तो नयी लगवाई जा रही हैं और 12 ठोकरों की मरम्मत करवाई जा रही है।
सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी व एसडीओ सर्वजीत सिंह ठोकरें लगाने के सारे कार्य की निरंतर निगरानी कर रहे हैं और विभाग के दो जेई प्रवीन व अनिल तो यमुना तटबंध पर ही अपना डेरा डाले हुए हैं।
इन गांवों में चल रहा काम
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ड्रेन नंबर दो गांव खोजकीपुर के पास जहां यमुना नदी में गिरती है, वहां पर रिपेयर का काम चल रहा है। हरियाणा व यूपी को जोड़ने वाले गांव खोजकीपुर के पास बने नये यमुना पुल के आसपास में 11 स्थानों पर ठोकरें लगाई जा रही हैं। यमुना में गांव राणा माजरा के पास भी चार ठोकरें लगाई जा रही हैं। गांव नन्हैडा काम्पलेक्स के पास एक ठोकर, मिर्जापुर व गोयला के पास एक-एक ठोकर लगाई जा रही है। गांव खोजकीपुर के पास चार ठोकरें लगाई जा रही है। गांव राक्सेड़ा व बिलासपुर में एक-एक ठोकर की मरम्मत चल रही है। गांव तामशाबाद के पास रेट सही नहीं होने पर ठोकर लगाने का टेंडर दोबारा लगाया जाएगा। पत्थरगढ़ में लाइनिंग व ठोकर लगाने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि ठोकरें लगाने व मरम्मत करने का सारा काम 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
बारिश से पहले काम पूरा करवाये विभाग: सरपंच
यमुना किनारे के गांव के सरपंच सलीम, राणा माजरा के सरपंच प्रतिनिधि खुर्शीद, तामशाबाद के सरपंच प्रतिनिधि गोविंद शर्मा, सनौली खुर्द के सरपंच संजय त्यागी व नवादा आर के सरपंच जोगिंद्र आदि ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि नदी में तटबंध किनारे पत्थरों की ठोकरें लगाने का काम बारिश का मौसम शुरू होने से पहले समय रहते पूरा करवाया जाये।
30 जून तक पूरा होगा काम
सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी व एसडीओ सर्वजीत ने बताया कि यमुना में बाढ बचाव को लेकर विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है। विभाग द्वारा करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से 24 पत्थरों की ठोकरें लगवाई जा रही हैं। इनमें से करीब 12 ठोकरें तो नई लगवाई जा रही है और 12 ठोकरों की मरम्मत की जा रही है। यमुना नदी में तटबंध किनारे ठोकरें लगाने का कार्य 30 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।