राजपुरा, 3 जून (निस)
लोक साहित्य संगम की बैठक रोटरी भवन राजपुरा के मीटिंग हॉल में डॉ. गुरविंदर अमन की अध्यक्षता में हुई। सभा की शुरुआत लोक कवि करम सिंह हकीर ने विदेश गए बच्चों की पीड़ा झेल रहे माता-पिता का दुख व्यक्त करते हुए कहा, ‘बेटा जब तुम वापस आओगे तो मैं वहां नहीं रहूंगा’। पंजाबी यूनिवर्सिटी के छात्र हरसुबेग सिंह ने ‘पतंग वंग पानी क्यों वंग बर्फ’ सुनाकर धूम मचा दी। गगनदीप सिंह ने अपनी कविता साझा की। शरत चंद्र भावुक ने कहा जिसका शरीर भारी होता है, उसका दिमाग भी उड़ता है। गीतकार सुरिंदर सिंह सोहना राजेमजरिया ने ‘टीवी ने जुनाने की नयने सारे पुत्ते ते, ग्यारह बजे सोना और सत्रह बजे उठना।’ सूफी गायिका सुरिंदर कौर बारा ने, ‘पत्थरों के शहर में, कैसे जाऊं’ गाया। लोकप्रिय ग़ज़लगो अवतार पूअर की ‘कि दसां सार मेरे देश की’ सुनाए और सभा की कार्यवाही को अच्छे ढंग से चलायी।
सभा के अध्यक्ष डॉ. गुरविंदर अमन ने कविता परवाज़ और लघु कहानी अधिकार, सुनाकर वर्तमान सामाजिक व्यवस्था पर व्यंग्य कसा।