मोहाली, 3 जून (हप्र)
मोहाली फेज-7 के इंडस्ट्रियल एरिया में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर भारत व विदेश में बैठे लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों ने अपने-अपने वकील के माध्यम से मोहाली अदालत में अपनी नियमित जमानत याचिका दायर की।
इस याचिका पर जिला अतिरिक्त एवं सैशन जज की अदालत में सुनवाई करते हुए सभी की नियमित जमानत याचिका को रद्द कर दिया गया है। यह नियमित जमानत याचिका गुजरात के रहने वाले राजेंद्र चौहान, दीप थापा, रोपड़ की खुशी शर्मा व शिलांंग मेघालय के फिदेलिया मुकीम ने दायर की थी।
अदालत ने कहा कि साइबर अपराध का किंगपिन गुजरात का एक व्यक्ति है जो अभी भी फरार है। पुलिस उसका पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके अलावा साइबर अपराध के जाल राष्ट्रीय सीमाओं को पार करते हैं।
जांच के अनुसार उनके समकक्ष विदेश में काम करते हैं और एक सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से वे साइबर धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। साइबर अपराध वित्तीय/बैंकिंग प्रणाली की प्रभावकारिता को कमजोर करता है और आम जनता का डिजिटल बैंकिंग में विश्वास कम होता है। अदालत ने कहा कि ऐसे अपराध में शामिल आरोपियों को जमानत देने का मतलब लोगों का भरोसा तोड़ना होगा। इसलिए आरोपियों की नियमित जमानत याचिका को रद्द किया जाता है।
इंडस्ट्रियल एरिया में चलाया जा रहा था फर्जी कॉल सेंटर
मामले के अनुसार एसएचओ को गुप्त सूचना मिली थी जिसमें खुलासा किया गया था कि पिछले 5-6 महीनों से विभिन्न स्थानों पर लोगों का एक समूह फर्जी नेटवर्क व कॉल सेंटर चलाकर निर्दोष लोगों को ठग रहा है। फर्जी कॉल सेंटर इंडस्ट्रियल एरिया में प्लॉट नंबर-88 में चलाया जा रहा था। गिरोह का सरगना गुजरात का एक व्यक्ति है जो 40-50 साथियों के साथ मिलकर रैकेट चलाता है। दूसरा फर्जी कॉल सेंटर इंडस्ट्रियल एरिया के ए-वन टावर में चलाया जा रहा था जहां करीब 50-60 लोग काम करत थे। पुलिस ने यहां रेड कर 50 से 60 लोगों को हिरासत में लिया था और उनके संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।