पिंजौर, 3 जून (निस)
पिंजौर-नालागढ़ नेशनल हाईवे पर स्थित स्थानीय मॉडल टाउन रेलवे फाटक पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए वर्ष 2019 में आरंभ हुआ रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य 5 वर्ष बाद भी अधूरा पड़ा है। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद रेलवे ट्रैक के ऊपर आरओबी निर्माण के लिए लोहे के भारी भरकम विशाल गार्डर रखने का काम सोमवार से आरंभ हो गया। इस दौरान पिंजौर से बद्दी आनेजाने वाले वाहनों पर सुबह 10 से शाम 6 बजे तक 3 दिनों तक आवाजाही बंद रहेगी। निर्माण के चलते पुराने पुल को बंद कर सुखना नदी में पाइप और मिट्टी डालकर अस्थाई पुल बनाया गया था वो गत वर्ष बारिश में बह गया था। इसलिए मजबूरन पुराने जर्जर हो चुके तंग पुल के उपर से ही वाहनों की आवाजाही आरंभ की गई।
अब पुराना पुल और ज्यादा खस्ता हालत में पहुंच गया है। लगभग 1 किलोमीटर लंबे इस ओवरब्रिज के निर्माण में और भी कई बार अड़चनें आईं। स्थानीय दुकानदारों, मॉडल टाउन व आसपास के ग्रामीणों की मांग थी कि ओवरब्रिज पिल्लरों पर बनाया जाए। यदि मिट्टी भरकर बनाया गया तो मॉडल टाउन, लोहगढ़ सहित कई गांवों सहित यहां के आमने-सामने की दुकानों का संपर्क भी कट जाएगा और लोगों को परेशानी होगी।
खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को दो बार यहां का निरीक्षण करने के लिए आना पड़ा । मुख्यमंत्री ने ब्रिज पिल्लरों पर बनाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद डिजाइनिंग में कुछ बदलाव किए गए। हालांकि फाटक के दोनों ओर एनएचएआई द्वारा पिल्लरों पर ब्रिज भी बना दिया था। केवल रेलवे विभाग द्वारा फाटक के ऊपर पिल्लर का काम आरंभ करने की अनुमति मिलने में देरी हो गई।
फाटक बंद होते ही फंस जाते हैं सैकड़ों वाहन
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के बद्दी-बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र के हल्के और भारी वाहन पिंजौर से होकर गुजरते हैं लेकिन ट्रेनों की आवाजाही के कारण फाटक बंद होते ही यहां सैकड़ों वाहन फंस जाते हैं। जिससे प्रतिदिन कई-कई घंटे तक ट्रैफिक जाम लगा रहता है। इसी समस्या के समाधान के लिए यहां आरओबी निर्माण को मंजूरी दी गई थी।