नयी दिल्ली, 4 जून (ट्रिन्यू/एजेंसी)
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ‘अबकी बार, चार सौ पार’ का नारा देने वाली भाजपा के ‘अश्वमेध घोड़े’ को इस बार उत्तर प्रदेश में दो लड़कों (राहुल गांधी एवं अखिलेश यादव) ने रोक दिया। राम मंदिर के इस प्रदेश में कांग्रेस और सपा के गठजोड़ ने ऐसा गुल खिलाया कि केंद्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर रहना अवश्यंभावी हो गया। गौर हो कि लोकसभा की 80 सीटों वाला यही प्रदेश हमेशा से केंद्र सरकार के गठन की दशा और दिशा तय करता है। लोकसभा की कुल 543 सीटों में से भाजपा नीत एनडीए गठबंधन को, अंतिम सूचना तक 294 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन को 232 सीटें मिलीं। बाकी 18 सीटें अन्य के खातों में गयी। इनमें कुछ क्षेत्रीय दल अथवा निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं।
भाजपा को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे प्रमुख हिन्दी भाषी राज्यों में तगड़ा झटका लगा। ओडिशा, तेलंगाना और केरल में महत्वपूर्ण बढ़त के बावजूद भाजपा अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से नीचे रह गयी। उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव में अकेले भाजपा के पास 303 सीटें थीं, जबकि राजग के पास 350 से अधिक सीटें थीं। इन नतीजों ने एग्जिट पोल को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अब केंद्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू और एकनाथ शिंदे की शिवसेना जैसे अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव का यह संदेश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें। इन सबके बीच, सबसे चौंकाने वाला प्रदर्शन यूपी में कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) का रहा। उसे उत्तर प्रदेश में 34 सीटों पर विजय मिली है। पिछले चुनाव में उसे केवल पांच सीटें मिली थीं। भाजपा ने पिछली बार यहां 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी ने रायबरेली से करीब डेढ़ लाख वोटों से जीत दर्ज की है। वह वायनाड सीट पर भी विजयी रहे। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अजय राय को एक लाख 52 हजार 513 मतों से हराया। उधर, केंद्रीय मंत्री और भाजपा की स्मृति ईरानी अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार केएल शर्मा से हार गयी हैं। जानकारों के मुताबिक विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों के इर्दगिर्द जनमत जुटाने में कामयाब रहा। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा सभी सीटों पर जीत गयी। राजस्थान में भाजपा सिर्फ 14 ही सीटें जीत पाई। पिछली बार उसका गठबंधन सभी 25 सीटों पर जीता था। ‘इंडिया’ गठबंधन एवं अन्य को यहां 11 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र में भी भाजपा को झटका लगा। राज्य की 48 सीटों में से, भाजपा गठबंधन को महज 18 सीटों पर पर जीत मिली। वर्ष 2019 में उसने 41 सीटें जीती थीं। ओडिशा में भाजपा ने 21 में से 19 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। सत्तारूढ़ बीजू जनता दल सिर्फ दो सीटों पर सिमट गया। पड़ोसी राज्य बिहार में, नीतीश कुमार की जदयू, भाजपा और उसकी सहयोगी लोजपा (रामविलास) ने 32 सीटें जीतीं। पश्चिम बंगाल ने भी ममता बनर्जी की टीएमसी को 32 सीटें जिताकर तमाम अनुमानों को धता बता दिया। इसके साथ ही 2019 में मिली 18 सीटों के आंकड़े में सुधार की भाजपा की उम्मीदों को झटका लगा है। आंध्र प्रदेश में भाजपा के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर सत्ता से बाहर हो गयी। भाजपा ने तेलंगाना में भी अच्छा प्रदर्शन किया। कर्नाटक में भाजपा को झटका लगा। तमिलनाडु में भाजपा कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी। गुजरात में भाजपा ने अपना इतिहास दोहराया। यहां एक सीट छोड़कर सभी सीटों पर कमल खिला। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से 7.44 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की।
भाजपा और राजग पर देश का पूर्ण विश्वास : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज की ये विजय दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की जीत है। ये भारत के संविधान पर अटूट निष्ठा की जीत है। ये विकसित भारत के प्रण की जीत है। ये सबका साथ-सबका विकास के मंत्र की जीत है। ये 140 करोड़ भारतीयों की जीत है।’ मोदी ने कहा, ‘आज बड़ा मंगल है और इस पावन दिन राजग की लगातार तीसरी बार सरकार बननी तय है। हम सभी जनता-जनार्दन के बहुत आभारी हैं। देशवासियों ने भाजपा और राजग पर पूर्ण विश्वास जताया है।’ उन्होंने कहा कि 1962 के बाद पहली बार कोई सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है।
सरकार बनाने पर ‘इंडिया’ करेगा फैसला : राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में देश ने साफ संदेश दिया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को नहीं चाहता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से कवायद पर कोई भी फैसला घटक दल मिलकर करेंगे। राहुल ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि ‘इंडिया’ गठबंधन की कल बैठक होगी, उसमें इस बारे में चर्चा होगी।’ वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘यह जनता का परिणाम है। यह जनता की जीत है, लोकतंत्र की जीत है। हम पहले से कह रहे थे कि यह लड़ाई मोदी बनाम जनता थी।’
हरियाणा में हम पांच-पांच भाजपा-कांग्रेस
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों में से सत्तारूढ़ भाजपा ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं पांच सीटों पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने फतह हासिल की है। वर्ष 2019 के चुनावों में भाजपा ने सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी। उधर, करनाल विधानसभा हलके में हुए उपचुनाव में सीएम नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस के सरदार तरलोचन सिंह को हरा दिया। करनाल लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सीएम मनोहर लाल, कुरुक्षेत्र से पूर्व सांसद नवीन जिंदल, गुड़गांव से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर और भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मबीर सिंह ने भाजपा टिकट पर जीत हासिल की है। रोहतक से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा के मौजूदा सांसद अरविंद शर्मा को 3 लाख 42 हजार मतों से हराया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने सिरसा से भाजपा के डॉ. अशोक तंवर को, अंबाला से वरुण चौधरी ने भाजपा की बंतो कटारिया को तथा सोनीपत में सतपाल ब्रह्मचारी ने भाजपा के मोहनलाल बड़ौली को हराया। हिसार में चौ. देवीलाल के बेटे और भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे चौ. रणजीत सिंह कांग्रेस के जयप्रकाश ‘जेपी’ से परास्त हो गए।
मोदी इस्तीफा दें : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सारी विश्वसनीयता खो दी है, उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। ‘इंडिया’ जीत गया है, मोदी हार गए हैं। प्रधानमंत्री ने कई पार्टियों को तोड़ा और अब जनता ने उनका मनोबल भी तोड़ दिया है। मोदी अब सरकार बनाने के लिए तेदेपा और नीतीश (कुमार) के पैरों पर गिर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियों और संसद में दो तिहाई बहुमत का इस्तेमाल करके हमें डराने वाली भाजपा को हम नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनके भतीजे एवं टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी बुधवार को नयी दिल्ली में ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होंगे, लेकिन उन्होंने अफसोस जताया कि उनकी पार्टी को अभी तक इस बारे में सूचित नहीं किया गया है।
शून्य पर सिमट गयी बसपा
उत्तर प्रदेश में अपनी सबसे बुरी चुनावी हार का सामना कर रही मायावती के नेतृत्व वाली बसपा उत्तर प्रदेश में शून्य हो गयी। निर्वाचन आयोग के अनुसार बसपा को देश में लगभग 1.92 प्रतिशत वोट मिले हैं और उत्तर प्रदेश में 9.16 प्रतिशत वोट मिले हैं।